वाशिंगटन। ईरान व इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस युद्ध में अमेरिका की एंट्री किसी भी वक्त हो सकती है। जो मीडिल ईस्ट की धधकती आग को और भड़काने का काम करेगी। इजरायल के ताबड़तोड़ हमले से भी ईरान टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा और पलटवार जोरदार तरीके से कर रहा है। ट्रंप की धमकी भी खामनेई के हौसले को डिगा नहीं पा रही है। लेकिन इन सब के बीच अमेरिका एक खतरनाक खेल खेलने की कोशिश में लगा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति व पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मुलाकात को लेकर एक खतरनाक खुलासा हुआ है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अधिकारी व अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ विश्लेषक माइकल रूबिन ने हैरतअंगेज दावे किए हैं। उन्होंने कहा है कि ट्रंप प्रशासन की नजर पाकिस्तान पर केवल इसलिए है क्योंकि ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े सामान को पाकिस्तान में शिफ्ट किया जा सकता है। रूबिन ने साफ कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान को अमेरिका का मित्र इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें इस दोस्ती से कुछ हासिल करना है। वे चाहते हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका को उन परमाणु सामग्रियों को कहीं न कहीं ले जाना होगा। हो सकता है कि इसके लिए पाकिस्तान चुना जाए। वहीं दूसरी ओर अमेरिका व इजरायल की ओर से बार बार ये कहा जा रहा है कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं होने दिया सकता है। वो परमाणु हथियार नहीं बना सकता है। उसके पास परमाणु रिएक्टर्स नहीं होंगे। वहीं दूसरी तरफ ईरान ये कह रहा है कि हमारा हथियार बनाने का कोई इरादा नहीं है।