जबलपुर। पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया के बाद अब गिरिराज किशोर कपूर मंडल के अध्यक्ष प्रशांत दुबे के खिलाफ गढ़ा थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। भाजपा नेता श्री दुबे ने अपने राजनैतिक रसूख के चलते टिम्बर कारोबारी की जमीन को हड़पने की कोशिश की है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होने अपने सथियों के साथ जमीन पर कब्जा करने के लिए फेसिंग शुरु कर दी। टिम्बर कारोबारी ने जब विरोध किया तो भाजपा नेता प्रशांत दुबे ने कारोबारी के साथ मारपीट शुरु कर दी। जिसपर साहिल निवासी मदनमहल ने पुलिस को शिकायत देते हुए कहा कि वह अपने पिता के साथ टिम्बर का कारोबार करते है। उनके रिश्तेदार रमेश तुलसानी ने टिम्बर से लगी जमीन को भाजपा नेता प्रशांत दुबे को बेच दिया। जबकि उस जमीन के लिए साहिल ने पहले से ही भुगतान कर दिया था, जिसका विवाद न्यायालय में लम्बित है। इसके बाद भी प्रशांत दुबे जमीन पर कब्जा करने के लिए फेसिंग करने लगे। साहिल ने जब आपत्ति की तो उनके साथ मारपीट कर दी। मारपीट होते देख मां पूजा नागदेव व मौसेरा भाई बचाने आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई।
साहिल ने पुलिस को बताया कि उनके नाना ने जमीन रमेश तुलसानी को दी थी, बाद में विवाद के चलते रमेश को रुपए वापस देेकर जमीन वापस ले ली। इसके बाद भी रमेश कुमार ने उक्त जमीन प्रशांत दुबे को बेच दी। साहिल का कहना है कि उनके पास भुगतान संबंधी सारे कागजात है, कोर्ट का स्टे ऑर्डर भी है। फिर भी उक्त जमीन को भाजपा नेता ने जबरन कब्जा करने की कोशिश की। साहिल की शिकायत को एसपी संपत उपाध्याय ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। इसके बाद गढ़ा थाना पुलिस ने साहिल नागदेव की शिकायत पर भाजपा नेता प्रशांत दुबे के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया।
बीजेपी नेता ने यह कहा
वहीं भाजपा नेता प्रशांत दुबे ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1895 स्क्वायर फीट जमीन रमेश कुमार तुलसानी से मार्च माह में 37 लाख में खरीदी थी, जिसका उपयोग वे घर बनाने के लिए करना चाहते हैं। उनका कहना है कि जमीन की रजिस्ट्री रमेश कुमार तुलसानी ने उनके नाम पर कराई है। उनके पास इसके सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं। दुबे का दावा है कि मौके पर कोई मारपीट नहीं हुई। कोर्ट के स्टे ऑर्डर पर दुबे ने बताया कि 2023 में साहिल के पिता और रमेश कुमार का कोर्ट के सामने आधी.आधी जमीन को लेकर समझौता हो गया था। उसके बाद ही हमने यह जमीन खरीदी है। अगर उनके पास कोर्ट का स्टे आर्डर होता तो फिर मेरे नाम से जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती।