रेल यात्रियों को राहत, वेटिंग टिकट पर भी कर सकेेंगे यात्रा, बशर्ते छह में एक सीट हो कन्फर्म

 

नई दिल्ली. अगर आपके पीएनआर (पैसेंजर नेम रिकार्ड) में एक भी सीट कन्फर्म है और बाकी सीटें नहीं है तब भी आप वैध यात्रा कर सकते हैं। आपको टीटीई बेटिकट मानकर कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। एक पीएनआर पर अधिकतम छह लोगों के लिए सीट आरक्षित की जाती है, ऐसे में किसी भी श्रेणी में न्यूनतम एक सीट कन्फर्म होने पर आरक्षित सीट वाले यात्री के साथ अन्य पांचों यात्री यात्रा कर सकेंगे।

ऐसे यात्रियों की संख्या प्रत्येक कोच की कुल बर्थ (सीटों) की संख्या के सापेक्ष केवल 25 प्रतिशत तक हो सकेगी। यह 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट की सीमा केवल सामान्य कोटे की बर्थ पर लागू होगी। सीनियर सिटीजन, महिलाओं, दिव्यांगजन और विदेशी पर्यटकों के लिए आरक्षित कोटा की बर्थ इस गणना से बाहर रहेंगी।

एक स्लीपर कोच में अधिकतम 18 ही वेटिंग टिकट होंगी

रेलवे के नए नियम के अनुसार, 72 सीटों वाले स्लीपर क्लास के एक कोच में अधिकतम 18 यात्रियों को वेटिंग टिकट मिलेगा। वेटिंग लिस्ट में ये यात्री गिने जाएंगे और उपलब्धता के आधार पर सीट की मांग भी टीटीई से कर सकेंगे। यह व्यवस्था (आनलाइन और विंडो) दोनों तरह की आरक्षित टिकट प्रणाली पर लागू होगी।

रेलवे ने आरक्षित कोच में कन्फर्म सीट वाले यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने और रिजर्व कोच में भीड़ को कम करने के लिए 25 प्रतिशत का यह नया नियम लागू किया है। बहुत संभावना है कि इसे निकट भविष्य में और घटाया जा सकेगा। इस फैसले का उद्देश्य त्योहारी सीजन में होने वाली अत्यधिक भीड़ को कम करना और कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है।

ऐसे में रेलवे की विशेष ट्रेनों में यात्री अधिकतम संख्या में यात्रा करने के लिए टिकट आरक्षित कराएंगे। हालांकि, इस बदलाव से कई ट्रेनों में रिग्रेट (टिकट की अनुपलब्धता) की स्थिति बन रही है, क्योंकि सीमित वेटिंग टिकटों के कारण कई यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है।

क्या कहते हैं रेल अधिकारी

उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि वेटिंग टिकट में यात्रा वैध नहीं मानी जाएगी, ऐसे यात्री बेटिकट ही माने जाएंगे। किसी भी पीएनआर पर न्यूनतम एक सीट आरक्षित होने पर ही संबंधित पीएनआर में सूचीबद्ध यात्री को वेटिंग टिकट के तहत यात्रा करने का अधिकार होगा।

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