भोपाल. झेलम एक्सप्रेस में खाना देने का झांसा देकर पेट्रीकार में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी सतनाम सिंह को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला मंगलवार को तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) की अदालत ने सुनाया। इस प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक त्रिभुवन प्रसाद गौतम, सरला कहार एवं लक्ष्मी कसाव ने पक्ष रखा।
घटना को ऐसे दिया अंजाम
19 जुलाई 2022 को नाबालिग बालिका ने जीआरपी भुसावल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि वह 18 जुलाई को झेलम एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 11078) से यात्रा कर रही थी। ट्रेन भोपाल स्टेशन पर रुकी तो वह पानी भरने के लिए नीचे उतरी। भूख लगने पर जब उसके पास पैसे नहीं थे, तो खाना नहीं ले सकी।
ट्रेन चलने के कुछ देर बाद वह एसी कोच के पास एक सीट पर बैठी थी, तभी एक युवक आया और उसे खाना देने का झांसा देकर पेट्रीकार में ले गया, जहां उसके साथ जबरदस्ती की। मामला पहले भुसावल जीआरपी में जीरो पर दर्ज हुआ, फिर विवेचना स्थल अनुसार इसे जीआरपी हबीबगंज स्थानांतरित कर दिया गया। यहां धारा 376(1) IPC और 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
विवेचना में साक्ष्यों से हुई पुष्टि
विवेचना के दौरान वैज्ञानिक साक्ष्य और मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई। आरोप तय होने के बाद मामला विशेष न्यायालय में पहुंचा, जहां अभियोजन द्वारा पेश साक्ष्यों और तर्कों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने आरोपी सतनाम सिंह को दोषी मानते हुए 10 वर्ष की सश्रम कैद और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।