नई दिल्ली. कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 19 मई को सुनवाई हुई है. इस दौरान कोर्ट ने सख्त लहजा अपनाया है. उसने कहा है कि आपने बिना सोचे जो किया है और अब माफी मांग रहे हैं. हमें आपकी माफी नहीं चाहिए. दरअसल, उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती दी है.
वहींं, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों, लेकिन जो एमपी से संबंधित नहीं हों. इन 3 में से 1 महिला आईपीएस अधिकारी होनी चाहिए. डीजीपी, एमपी को कल रात 10 बजे से पहले एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है. इसका नेतृत्व एक आईजीपी द्वारा किया जाना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे.
कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की जांच एसआईटी को सौंपी जाएगी. याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने और पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है. शाह की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी. हालांकि स्थापित कानून का पालन करते हुए, हम सीधे जांच की निगरानी नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन विशेष तथ्यों को देखते हुए हम एसआईटी को एक स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से अपनी जांच के परिणाम प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं. मामला 28 मई को सूचीबद्ध किया गया.
मामले में जस्टिस सूर्यकांत की दो सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही. शीर्ष अदालत में विजय शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए. उन्होंने कहा कि विजय शाह माफी मांग रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है? यह जिस प्रकृति का मामला है, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, आपका क्या घडिय़ाली आंसू बहाना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने बिना सोचे जो किया और अब माफी मांग रहे हैं. हमें आपकी माफी नहीं चाहिए. अब कानून के मुताबिक निपटेंगे. आपने अगर दोबारा माफी मांगी तो हम अदालत की अवमानना मानेंगे. आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं और क्या बोलते हैं? ये सब वीडियो में है और आप कहां जाकर रुकेंगे. संवेदनशील होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है. हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आप टाइमिंग देखिए, क्या आप बोले?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने लोगों को दुख पहुंचाया है और अब भी नहीं मान रहे हैं. इतने बड़े लोकतंत्र में नेता हैं. हमें अपने नेताओं से अच्छे आचरण की गुंजाइश है. आप जो चाहे करें, हम आपकी माफी नहीं ले रहे हैं. क्या तारीख थी जब यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान आपने दिया? आपके बयान पर पूरा देश नाराज है. आपने लोगों को दिख पहुंचाया. क्या आपने अपना वीडियो देखा.