जबलपुर। पन्ना टाइगर रिजर्व में तेंदुए और भालू की मौत के बाद कान्हा में बाघ की मौत का रहस्य गहरा गया है। इन मौतों की अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो सकी। नेशनल पार्क में हुई इन घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने टाइगर रिजर्व में जांच का मुद्दा उठाया है, लेकिन उसके बाद कान्हा में बाघ की मौत ने जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
टाइगर रिजर्व में पिछले एक महीने के अंतराल में वन्य प्राणियों की हो रही मौतों पर संज्ञान लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पार्क प्रबंधन को जांच के आदेश दिए हैं। टाइगर रिजर्व में दो तेंदुए एवं एक भालू की रहस्यमई मौत हो गई थी। पन्ना का मामला ठंडा नहीं हुआ है कि कान्हा अभ्यारण के मुण्डीदादर वन परिक्षेत्र में स्थित सुलकुम नदी के पास 8 से 10 वर्ष की मादा बाघ का शव मिला है। रिजर्व और इसके आसपास के क्षेत्र में बाघ की छठी मौत बताई जा रही है। इससे पहले जनवरी में दो वर्षीय मादा बाघ, फरवरी में 13 वर्षीय बाघिन, मार्च में 5 वर्षीय नर बाघ, अप्रैल में 15 माह की मादा बाघ तथा 6 माह की बाघ शावक की मौत हो चुकी है। पांच मौत पार्क क्षेत्र में और एक पार्क के नजदीक हुई है।