जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में कांग्रेस की ओर से पहली जय हिंद सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार की सैन्य नीतियों और पाकिस्तान के मुद्दे को लेकर सवाल उठाएगी। सभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह,कमलनाथ, छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा शामिल हुए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और पटवारी ने शौर्य स्मारक पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
वही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंच की बजाय वरिष्ठ नागरिकों के बीच बैठकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वही कमलनाथ ने देवी अहिल्या बाई और सेना को मंच से प्रणाम किया।
आम लोगों के बीच बैठे दिग्विजय
पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मंच पर चलने का आग्रह किया, लेकिन दिग्विजय सिंह ने वहीं वरिष्ठ नागरिकों के बीच बैठना पसंद किया। बता दें ग्वालियर के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मंच पर जगह नहीं मिली थी, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि अब वे किसी भी मंच पर नहीं बैठेंगे।
सेना देश की, किसी पार्टी की नहीं-भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शौर्य स्मारक कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने कहा कि सेना किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है। उनके पराक्रम पर कोई सवाल नहीं है, सवाल सरकार की मंशा और फैसलों की पारदर्शिता पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम में मारे गए चार आतंकियों की अब तक पहचान सरकार क्यों नहीं कर पाई? आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि 56 इंच का सीना दिखाने वाले अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में काम कर रहे हैं? भूपेश बघेल ने केंद्र से सवाल किया कि सीजफायर की शर्तें स्पष्ट रूप से सार्वजनिक क्यों नहीं की गईं? उन्होंने पूछा, क्या अमेरिकी राष्ट्रपति के कहने पर भारत ने सीजफायर घोषित किया?
उन्होंने शिमला समझौते का हवाला देते हुए कहा कि उसमें स्पष्ट लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों में कोई तीसरा पक्ष दखल नहीं देगा। बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से लड़कर बांग्लादेश बनवाया था। आज देश की स्थिति क्या है, यह पूरे देश के सामने है।
कमलनाथ बोले- नौजवानों का भविष्य अंधेरे में
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यक्रम में कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आप लोग आए हैं, ये साबित करता है कि आपको सेना पर गर्व है। जबलपुर का गौरव है कि यहां गोली और बारूद बनती है। उन्होंने कहा, मैंने 1971 का बांग्लादेश युद्ध देखा है। इंदिरा गांधी ने उस समय अमेरिका के दबाव को भी नजरअंदाज कर मजबूत फैसले लिए थे। कमलनाथ ने कहा, मध्यप्रदेश आज झूठ, भ्रष्टाचार, महिला अपराध और किसान विरोधी नीतियों की राजधानी बन गया है। उन्होंने कहा, बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता है। अगर हमारे नौजवानों का भविष्य ही अंधेरे में रहा, तो प्रदेश का निर्माण कैसे होगा?
रि. मेजर जनरल ने मंत्री विजय शाह पर उठाए सवाल
कार्यक्रम के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने मंत्री विजय शाह की आलोचना करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में अब तक कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन केवल हाईकोर्ट ने ही मंत्री विजय शाह और बिहार के मंत्री सकेत पर संज्ञान लिया है। मेजर जनरल श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश में लगभग 90,000 पूर्व सैनिक और एक लाख से अधिक सक्रिय सैनिक हैं। यदि भारतीय जनता पार्टी अपने मंत्री विजय शाह और जगदीश देवड़ा के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करती है, तो मध्य प्रदेश के पूर्व सैनिक सड़कों पर उतरकर पार्टी के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
असफलताओं को उजागर करने की रणनीति
जय हिंद सभा में ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रहे सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। कांग्रेस नेता इस मंच से केंद्र की रक्षा नीतियों, विदेश नीति और पाकिस्तान को लेकर कथित असफलताओं को उजागर करने की रणनीति अपनाएंगे। वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा, सुखदेव पांसे, लखन घनघोरिया और संजय शर्मा ने बताया कि यह सभा जन-जागरण और देशभक्ति के संदेश को लेकर आयोजित की जा रही है।
प्रियंका और राहुल गांधी का दौरा निरस्त
इससे पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे, लेकिन उनका दौरा अंतिम समय पर रद्द हो गया, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा देखी गई।
बीजेपी नेताओं के बयानों पर करेंगे विरोध
सभा के दौरान कांग्रेस नेता प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री विजय शाह के हालिया बयानों को सेना के प्रति असंवेदनशील बताते हुए उनका विरोध भी दर्ज करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्यक्रम केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और सम्मान के मुद्दों पर जन-जागरूकता का प्रयास है।