दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय अधीक्षक योगेंद्र कोयल ने फर्जीवाड़े की शिकायत की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से टेक्नीशियन पद के लिए दिसंबर 2024 में परीक्षा आयोजित की थी, जिसके लिए अगल-अलग एग्जाम सेंटर बनाए गए थे। ये परीक्षा 20, 26, 28 और 29 दिसंबर 2024 को देश भर में आयोजित हुई थी।
ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा, फिर की शिकायत
एग्जाम में सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें चयनित अभ्यर्थियों को जॉइनिंग लेटर भेजा गया। रेलवे बोर्ड जॉइनिंग के दौरान भी चयनित अभ्यर्थियों की जांच करता है। जब चयनित अभ्यर्थी सुमित कुमार दस्तावेज लेकर जॉइन करने पहुंचा, तब उसके दस्तावेजों की जांच की गई। उसका बायोमैट्रिक जांच भी हुई। इसमें पता चला कि एग्जाम में वह चार जगहों पर अलग-अलग नाम से शामिल हुआ था। परीक्षा में राजेश कुमार उर्फ अविनाश यादव ने शुभम कुमार के नाम से दो बार, सुमीत कुमार और अवनीश कुमार के नाम से ऑनलाइन परीक्षाएं दी थी।
सभी आवेदन पत्र में लगाए अलग-अलग फोटो
आरोपी अभ्यर्थी ने अपने ऑनलाइन आवेदन पत्र में अलग-अलग फोटो अपलोड किया था। जिसकी वजह से एग्जाम सेंटर में उसकी पहचान नहीं हो सकी। लेकिन, परीक्षा केंद्रों में बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन और उपस्थिति के दौरान खींचे गए फोटो एक ही व्यक्ति के पाए गए। इसके बाद राजेश कुमार उर्फ अविनाश यादव दस्तावेज सत्यापन के लिए शुभम कुमार के नाम से शामिल हुआ। तब यह पूरा मामला सामने आ गया। कार्यालय अधीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में जुर्म दर्ज कर लिया है। टीआई अभय सिंह बैस ने कहा कि आरोपी को शिकायत मिलने पर अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।