महाराजश्री ने कहा- देश की रक्षा करना ही धर्म है
जबलपुर. सदर कैंट आर्मी क्षेत्र जबलपुर मध्यप्रदेश में बा1र्डर पर देश रक्षा के लिए जाने से पहले अग्निवीरों ने पूज्य महाराज शंकराचार्य द्वारकामठ जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर महाराज श्री ने अग्निवीरो को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सीमाओं पर रक्षा करना ही पूजा हैं, और देश की रक्षा करना ही धर्म है।
महाराजश्री ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में क्या कर्तव्य हैं और क्या अकर्तव्य हैं इसका निर्णय किया गया है, जो सूर्य वीर सेना के प्रशासन में राष्ट्र की रक्षा के लिए देश की सीमाओं पर दिन रात खड़े रहकर सुरक्षा कर रहे हैं, उनकी यह सेवा ही सबसे बड़ी पूजा हैं। शंकराचार्य जी कहा कि अर्जुन ने भी भगवान श्री कृष्ण से यह प्रश्न किया था, कि युद्ध तो शत्रु से किया जाता है,भगवन यह तो हमारे हैं,अर्जुन यह भी कह रहे थे इन सबको हम मारेंगे तो पाप लगेगा, तब भगवान ने गीता का उपदेश देते हुए कहा कि देश और धर्म की रक्षा में पाप-पुण्य नहीं देखा जाता हैं, यहां अधर्म का नाश करना ही धर्म है। अगर तुम रण भूमि में वीरगति को प्राप्त हो गए तो स्वर्ग की प्राप्ति होगी, और विजय प्राप्त कर ली तो राज्य की प्राप्ति होगी, इस लिए तुम्हे युद्ध करना चाहिए।
इस मौके पर शंकराचार्य जी महाराज ने तीनों सेना अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्रालय को शुभ आशीर्वाद प्रेषित करते हुए कहा कि भारत देश की सेना, विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना मानी जाती हैं। एवं कैंट आर्मी क्षेत्र के अंदर गीता ज्ञानेश्वर मंदिर के जीर्णोद्धार का भूमि पूजन पूज्य महाराज श्री के कर कमलों से संपन्न हुआ। यह आयोजन मध्य क्षेत्र के लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, जीओसी, एमबी ऐरिया जी के संयोजकत्व में आयोजित हुआ.