जबलपुर. शहर का सबसे व्यस्ततम व प्रमुख रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) शाी ब्रिज का उचित रखरखाव नहीं हो रहा है, जिससे इस प्रमुख पुल पर जगह-जगह पीपल के पेड़ ऊग आये हैं, जिससे ब्रिज की जड़ें व दीवारें लगातार कमजोर होती जा रही हैं, जो बड़े हादसे का कारण बन सकता है.
उल्लेखनीय है कि जबलपुर शहर महानगर का स्वरूप ले रहा है शहर का पहला रेल ओवर ब्रिज जिसे शास्त्री ब्रिज के नाम से जाता है ब्रिज के दोनों तरफ की दीवारों में पीपल तथा अन्य प्रजातियों के पौधे ऊग रहे हैं और कुछ तो काफी बड़े हो गये है जिनकी जड़े दीवारों के अंदर तक फैल चुकी हैं.
जिम्मेदारों को नजर नहीं आ रहा
इस शास्त्री ब्रिज से डेली लाखों लोग शहर के एक भाग से दूसरी ओर आते व जाते हैं, जिससे वाहनों का अत्यधिक दबाव बना हुआ है। जिस समय ये ब्रिज बना था, उसके बाद लगभग 5 दशक हो रहे हैं. इस पुल की आयु भी पूरी मानी जा चुकी है. खास बात ये है कि इस पुल की जिम्मेदारी निभाने वाले विभाग इस ओर पूरी तरह उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं। इस ब्रिज पर लगे पीपल व अन्य पेड़ों के लगे होने पर आम लोग काफी चिंतित हैं. कई लोगों का कहना है कि इस ब्रिज की देखरेख का जिम्मा रेलवे व नगर निगम का संयुक्त रूप से है. जिसे गंभीरता से लेते हुए पेड़ को काटकर अलग कर मरम्मद कार्य कराना चाहिए.
एक समानांतर ब्रिज निर्माण को मिल चुकी है मंजूरी, सर्वे तक नहीं हुआ
बताया जाता है कि जब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, तब इस ब्रिज के समानांतर नये फोरलेन ब्रिज के निर्माण की मंजूरी मिली थी, लेकिन मंजूरी मिलने के बावजूद अभी तक नये ब्रिज निर्माण के लिए जरूरी प्रारंभिक कार्यवाहियां, जिनमें डीपीआर आदि बनाना शामिल है, तक नहीं बन सकी है.