किशोरी को बालिक होने तक नारी निकेतन में रखा जाए, पिता के खिलाफ एफआईआर के आदेश
जबलपुर। घर से भागी एक किशोरी में अदालत में आरोप लगाया कि उसके पिता उस पर गंदी नगर रखते थे। इससे वह घर से भाग गई थी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने किशोरी के बयान को गंभीरता से लेते हुए उसके पिता के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए, साथ ही अपने आदेश में कहा है किशोरी बदला लेने के लिए झूठे आरोप लगा सकती है, इसलिए एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की आवश्यक नहीं होने पर गिरफ्तारी नहीं की जाए।
दायर की थी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
तिलवारा पुलिस थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने तथा पुलिस द्वारा उसकी तलाश नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नाबालिग को कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के दौरान नाबालिग का आरोप था कि उसके पिता ने एक लाख रुपये लेकर उसकी जबरन शादी करवाई। पिता की उस पर गंदी नज़र थी। रात में सोते समय वह उसके साथ छेड़छाड़ करता था। उसका पिता हमेशा शराब के नशे में रहता है और उसके साथ दुर्व्यवहार करता था, इसलिए परेशान होकर वह अपनी सेहली के साथ घर से भाग गई। वह सहेली के साथ ही रहना चाहती है। युगलपीठ ने किशोरी के पिता के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। किशोरी को वयस्क होने तक नारी निकेतन में सुरक्षित रखा जाये। वयस्क होने पर वह अपनी मर्जी से निर्णय लेने को स्वतंत्र है।