हावेरी. कर्नाटक से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां हावेरी जिले के अक्की-अलूर गांव में गैंगरेप के सात आरोपियों जमानत मिली, जिसके बाद जश्न मनाया गया. उन्होंने कार और बाइक पर सवार को विजय जुलूस निकाला. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता में नाराज हो गई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझा. इस मामले में सात में चार आरोपियों को फिर गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस तीन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. इन सभी सात आरोपियों की 20 मई को जेल से रिहाई की गई थी. सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में नया मामला दर्ज किया है. एसपी एके श्रीवास्तव ने कहा कि सात संदिग्धों में से चार को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी तीन आरोपी फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है. बेल की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कोर्ट में आरोपियों की जमानत रद्द करने की याचिका दायर की गई है.
ये है पूरा मामला
हावेरी जिले के इस मामले की शुरुआत साल 2024 में एक निजी लॉज पर अटैक के साथ हुई थी. एक अंतरधार्मिक जोड़े ने कुछ लोगों पर लॉज में हमलाकर करके मोरल पुलिसिंग का आरोप लगाया था. बाद में इस मामले में 26 साल की महिला ने कहा था कि हमलावरों ने लॉज पर हमला किया. फिर उसके साथ जंगल में गैंगरेप किया. पीडि़ता ने 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने भी यही बयान दिया था. इसके बाद उसने एक आधिकारिक पहचान परेड के दौरान आरोपियों की पहचान की.ये पहचान परेड हंगल तहसीलदार की मौजूदगी में आयोजित की गई थी.
हालांकि इस साल पीडि़त महिला कथित तौर पर अपनी पिछली गवाही से मुकर गई या उसे बरकार नहीं रख सकी, जिसके बाद आरोपियों को जमानत दे दी गई. आरोपी 17 महीने से अधिक समय तक जेल में बंद थे. वो जमानत पर जेल से बाहर आए थे. आरोपियों की पहचान आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक अगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप चोटी और रियाज साविकेरी के रूप में हुई है.