13 एवं 14 मार्च को जिला अदालत में अधिवक्ता नही करेंगे पैरवी

जबलपुर. मप्र हाई कोर्ट ने प्रदेश भर की जिला अदालतों को पुराने प्रकरणों को सूचीबद्ध कर 25  प्रकरणों का निराकरण तीन माह में किये जाने के आदेश दिए है. इसी आदेश को लेकर 11 मार्च  को जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर की कार्यकारणी सभा की बैठक हुई जिसमें सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा समस्त न्यायालयों को निर्देशित किया गया है कि पिछले वर्ष जैसा इस वर्ष पुराने प्रकरणों को सूची बद्ध किया जाये और समय सीमा  अर्थात् 25 प्रकरणों का निराकरण तीन माह के अंदर किया जाये उक्त निर्देश के अनुसार पुराने प्रकरण समय सीमा के अन्तर्गत निराकृत किये जायेगे जिससे लोगों को न्याय प्राप्त नहीं होगा. बल्कि केवल प्रकरणों का निराकरण होगा और पक्षकारों के साथ अधिवक्ताओं और न्यायालयों पर दबाव होगा  कि उक्त मामले शीघ्र सुनवाई कर मिटाकृत किये जाये जिससे न्याय का उद्देश्य विफल हो जायेगा। अधीनस्थ न्यायालय जबलपुर में सिर्फ पुराने प्रकरण लिये जा रहे उन प्रकरणों में न्यायाधीशगण एक दिन का भी समय प्रदान नहीं करते है अपितु यदि अधिवक्तागण अन्य आवेदन आवश्यकतानुसार प्रस्तुत करते है जिसका भी निराकरण निम्नानुसार नहीं हो रहा है प्रकरण मात्र डिपोजल किये जा रहे है उन प्रकरणों पक्षकारों को न्याय नहीं मिल रहा है । बैठक में कहा गया की  अधिवक्तागण यदि अधीनस्थ न्यायालयों से निवेदन करते है और उन्हें अपनी व्यक्तिगत परेशानी या कारण बताते हुये प्रकरण में अग्रिम तिथि की मांग की जाती है परन्तु अधीनस्थ न्यायालय किसी भी सद्भाविक कारणों से भी प्रकरण में अग्रिम तिथि प्रदान नहीं की जाती है। इसके कारण जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर की कार्यकारणी सभा की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार 13 एवं 14 मार्च को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. इस बैठक में जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के अध्यक्ष  आर. के. सिंह सैनी, सचिव राजेश तिवारी, उपाध्यक्ष  अखिलश चौबे, उपाध्यक्ष महिला श्रीमत ज्योति राय, सह-सचिव  यतेन्द्र अवस्थी, कोषाध्यक्ष  अजय दुबे, पुस्तकालय सचिव अमित कुमार साहू, कार्यकारणी प्रदीप परसाई (बाबा), शैलेन्द्र यादव,  रेणुका शुक्ला एवं   राजू बर्मन उपस्थित रहे.

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