कटनी। एमपी के कटनी में जबरन धर्मान्तरण का शिकार हुए युवक अभिषेक खटीक को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कटनी में ई-रिक्शा भेंट किया। देर शाम कटनी में आयोजित पुस्तक मेले के दौरान आयोग अध्यक्ष ने युवक को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने के लिए यह सहायता प्रदान की।
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि पीडि़त अभिषेक खटीक अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित है। करीब तीन-चार वर्ष पहले आयोग के संपर्क में आया था। अभिषेक को एक व्यक्ति ने अनाथ आश्रम में रखकर धोखे से धर्मांतरित करा दिया था। कानूनगो ने कहा कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का धर्मांतरण केवल धार्मिक विषय नहीं है। बल्कि इससे उनके संवैधानिक अधिकार और आरक्षण भी समाप्त हो जाते हैं, जो कि एक गंभीर उल्लंघन है। अभिषेक खटीक के मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और वह वर्तमान में न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष कर रहा है। प्रियांक कानूनगो ने इस दौरान मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की महत्ता पर जोर देते हुए इसे अवैध धर्मांतरण रोकने में प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि अभिषेक ने स्वयं न्यायालय में पक्ष रखा है कि यदि यह कानून समाप्त होता है तो उसके जैसे हजारों बच्चों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे। अभिषेक का मनोबल बढ़ाने और उसे आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से आयोग अध्यक्ष स्वयं कटनी पहुंचे और उसे ई-रिक्शा सौंपा। इस सहायता का मुख्य लक्ष्य यह है कि अभिषेक अब किसी पर निर्भर रहे बिना अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके और एक गौरवपूर्ण जीवन जी सके। इस मानवीय पहल की वहां उपस्थित लोगों ने सराहना की।