MBBS की छात्रा ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, मानसिक तनाव के कारण उठाया कदम, डीन बोले, पहले भी कोशिश कर चुकी थी

 

शहडोल। एमपी के शहडोल स्थित बिरसा मुंडा शासकीय मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस फाइनल ईयर की एक छात्रा शिखा बैगा ने आज तड़के अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब कमरे से बाहर नहीं आई तो परिजनों ने जाकर देखा तो शिखा फांसी के फंदे पर लटक रही थी। मौके पर पहुंची पुलिस  को पूछताछ में पता चला कि शिखा मानसिक तनाव में रही। 

                                    पुलिस अधिकारियों के अनुसार सोहनलाल बैगा की बेटी शिखा उम्र 25 वर्ष शहडोल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फाइनल ईयर में अध्ययनरत रही। शिखा हमेशा की तरह खाना खाकर अपने कमरे में पढऩे चली गई। जहां पर देर रात शिखा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आज सुबह शिखा कमरे से बाहर नहीं आई तो बहन कमरे में पहुंची। जिसने शिखा को फांसी के फंदे पर लटकते देखा तो चीख पड़ी। शोर सुनकर परिवार के अन्य सदस्य आ गए। वे भी शिखा को देखकर स्तब्ध रह गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचाकर मर्ग कायम कर लिया। 

माता-पिता के लिए लिखा संदेश, हमें माफ कर देना-

पुलिस को जांच के दौरान  छात्रा के कमरे से उसका मोबाइल फोन और टैबलेट मिला है। पुलिस को मोबाइल में एक संदेश मिला है, जिसे छात्रा ने अपने ही नंबर पर टाइप किया था। इस संदेश में उसने अपने माता-पिता से माफी मांगी है और अगले जन्म में भी उन्हें ही माता-पिता के रूप में पाने की इच्छा व्यक्त की है। संदेश में पढ़ाई से संबंधित मानसिक उलझन और तनाव का भी उल्लेख है। पुलिस इन संदेशों को आत्महत्या के कारणों से जोड़कर आगे की जांच कर रही है।

दो माह पहले की थी आत्महत्या की कोशिश-

शिखा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी। रविवार को अवकाश होने के कारण वह शनिवार दोपहर अपने पिता के साथ घर आई थी। परिजनों ने बताया कि लगभग दो माह पहले भी उसने मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में आत्महत्या का प्रयास किया था। उस समय रूममेट्स की सूचना पर कॉलेज प्रबंधन ने हस्तक्षेप किया था और छात्रा की काउंसलिंग भी कराई गई थी। इस घटना की जानकारी परिजनों को भी दी गई थी। शिखा के पिता सोहनलाल बैगा रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पांच बेटियां हैं, जिनमें शिखा दूसरे नंबर की थी।

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