मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के गम्भीर आरोप
जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने बताया है कि विभिन्न विभागों से कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन भेजे जा रहे पेंशन प्रकरण पेंशन कार्यालय में ट्रेस ही नहीं हो रहे हैं। कई मामलों में प्रकरण पेंशन कार्यालय तक पहुँचने के बाद भी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं बताए जा रहे। वहीं, मैनुअल रूप से भेजे गए पेंशन प्रकरण एक से डेढ़ महीने से लंबित हैं और उनका निराकरण अब तक नहीं हो सका है। संघ के अनुसार पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, हिरण जल संसाधन सहित कई विभागों ने पेंशन कार्यालय को ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी प्रकरण भेजे हैं, लेकिन इन पर समय पर कार्रवाई नहीं हो रही। ऑनलाइन सिस्टम में किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज नहीं की गई है और न ही प्रकरण संबंधित कार्यालयों को लौटाए गए हैं। पेंशन कार्यालय कर्मचारी मौखिक आपत्तियाँ बताकर प्रकरणों को रोक रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार सभी आपत्तियाँ ऑनलाइन दर्ज की जानी चाहिए, ताकि प्रत्येक प्रकरण की स्थिति स्पष्ट रहे।
-आपत्तियों में मनमानी
संघ ने यह भी बताया कि कई मामलों में नियम-विरुद्ध आपत्तियाँ दर्ज की जाती हैं या संबंधित विभागों के कर्मचारियों द्वारा जन्म तिथि, नियुक्ति तिथि, वेतन निर्धारण और अवकाश संबंधी जानकारी गलत भेजे जाने से प्रकरण अधर में लटक जाते हैं। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारी समय पर पेंशन और अन्य लाभों से वंचित हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, हिरण संसाधन विभागों के वाहन चालक, हेल्पर, पंप अटेंडेंट, समयपाल, चौकीदार सहित कई कर्मचारी महीनों से पेंशन न मिलने के कारण गंभीर संकट में हैं। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के अटल उपाध्याय, देवेंद्र पचौरी, आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, सुशील गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने पेंशन कार्यालय में एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण करने की मांग की है।
