ऊर्जा मंत्री ने दी बधाई: तकनीकी दक्षता में मध्य प्रदेश ने गाड़े झंडे, एमपी ट्रांसको को मिला राष्ट्रीय
जबलपुर। मध्य प्रदेश ने ऊर्जा क्षेत्र में अपनी तकनीकी दक्षता का लोहा मनवाते हुए एक और बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि हासिल की है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) को वेस्टर्न रीजन में सबसे कम 'ट्रांसमिशन लॉस' (पारेषण हानि) दर्ज करने के लिए प्रतिष्ठित ‘पावर लाइन ट्रांसटेक इंडिया अवॉर्ड’ से नवाजा गया है। नई दिल्ली के यशोभूमि इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘ट्रांसटेक इंडिया–2025’ कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सम्मान प्रदान किया गया। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त इस मंच पर एमपी ट्रांसको की ओर से कार्यपालन अभियंता लोकेश द्विवेदी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। पावर सेक्टर की अंतरराष्ट्रीय मैगज़ीन ‘पावर लाइन’ द्वारा यह अवॉर्ड उन यूटिलिटीज़ को दिया जाता है जो भारतीय ट्रांसमिशन सेक्टर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं।
कड़े मानकों पर खरी उतरी ट्रांसको
इस पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी और तकनीकी मानकों पर आधारित थी। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर एमपी ट्रांसको को विजेता चुना गया। मूल्यांकन के मुख्य मानकों में न्यूनतम ट्रांसमिशन लॉस के अलावा लाइन लेंथ और ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी में वृद्धि के साथ-साथ बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को शामिल किया गया था। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस सफलता पर एमपी ट्रांसको की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश की मजबूत ट्रांसमिशन व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का परिणाम है। सरकार की प्राथमिकता प्रदेश में न्यूनतम बिजली हानि के साथ उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस आयोजन में देशभर की 2,500 से अधिक ट्रांसमिशन यूटिलिटीज़ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें मध्य प्रदेश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा।
