कार्रवाई के दौरान तीन जेसीबी मशीनों का उपयोग किया गया। कुछ ही देर में अवैध निर्माण को मलबे में बदल दिया गया। प्रशासन ने एक दिन पहले ही आरोपी के परिजनों को मकान खाली करने की सूचना दे दी थी। कार्रवाई शुरू होने से पहले अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश देकर सुरक्षित बाहर निकाला। पूर्वान्ह 11 बजे से ही कार्रवाई की तैयारियां तेज कर दी गई थीं। तहसीलदारए डीएसपी विजयराघवगढ़ए कैमोर और विजयराघवगढ़ थाना प्रभारीए महिला थाना प्रभारी तथा कैमोर नगर परिषद के सीएमओ भारी अमले के साथ मौके पर पहुंचे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आसपास के थानों और पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई और आम लोगों की आवाजाही सीमित रखी गई। गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को हुई भाजपा नेता नीलेश उर्फ नीलू रजक की हत्या से जुड़ी है। घटना के दिन सुबह नीलू रजक अपनी बेटी को स्कूल छोडऩे जा रहे थे, तभी आरोपी अकरम खान ने अपने साथी प्रिंस जोसफ के साथ मिलकर उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। घटना के बाद नीलू रजक को गंभीर हालत में विजयराघवगढ़ अस्पताल ले जाया गया थाए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। हत्याकांड के बाद विजयराघवगढ़ और कैमोर क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला था। बाजार बंद कर दिए गए थे और दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी। हालात बिगड़ते देख आईजी और डीआईजी समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच जिलों का पुलिस बल तैनात करना पड़ा था। इलाके में कई दिनों तक अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गई थी। पुलिस ने घटना के अगले दिन बहोरीबंद के कजरवारा मोड़ पर घेराबंदी की थी। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की लेकिन जवाबी कार्रवाई में अकरम खान और प्रिंस जोसफ दोनों घायल हो गए। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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