खातेगांव। एमपी के खंडवा में खातेगांव स्थित सतवास में आज अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम के सामने दम्पति ने स्वयं पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। पति-पत्नी को आग लगाते देख चीख पुकार व अफरातफरी मच गई। किसी तरह दोनों के शरीर से आग बुझाकर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर हालत को देखते हुए इंदौर रेफर किया गया है। इस घटना के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में अटैच कर दिया।
बताया गया है कि खातेगांव के सतवास बस स्टेंड पर स्टेशनरी व फोटो कॉपी की दुकान का संचालन करने वाले संतोष व्यास एक कालोनी में मकान का निर्माण करा रहे है। जिला प्रशासन को शिकायत मिली कि निर्माण में अतिक्रमण किया गया है। जिसपर आज सुबह तहसीलदार अरविंद दिवाकर जेसीबी मशीन के साथ निर्माण हटाने के लिए मौके पर पहुंचे। कार्रवाई के दौरान संतोष व्यास और उनकी पत्नी जयश्री व्यास की तहसीलदार से बहस हो गई। इसी बीच दंपती ने तहसीलदार के सामने ही अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत आग बुझाना शुरू किया। आग बुझने तक पति-पत्नी गंभीर रूप से झुलस चुके थे। घटना के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोगों ने सतवास बस स्टैंड पर पुलिस थाने के सामने चक्काजाम कर दिया और तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने थाने के बाहर पुलिस अधिकारियों को घेर लिया। लोगों ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण की कार्रवाई करने पहुंची टीम ने परिवार को धमकाया कि पैसे दो। इतना भ्रष्टाचार है। प्रशासन क्या कर रहा है। दंपती को पहले सतवास में प्राथमिक उपचार दिया गया। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया गया। इधर व्यास परिवार ने प्रशासनिक कार्रवाई को अवैधानिक बताया है। उनका आरोप है कि जिस भवन का निर्माण किया जा रहा था। उसके लिए पूर्व में सभी आवश्यक अनुमतियां ली जा चुकी थीं।नाली से अतिक्रमण हटाने पहुंचा था अमला-
सतवास तहसीलदार अरविंद दिवाकर का कहना है कि एसडीएम के आदेश पर नाली पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने गए थे। इनसे पहले एक और परिवार का अतिक्रमण हटाना था जो परिवार ने स्वेच्छा से ही हटा लिया था। व्यास परिवार का अतिक्रमण हटाने गए तो अचानक दंपती ने पेट्रोल डालकर आग लगा ली। वहां मौजूद लोगों ने और हमारे अमले ने आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।