राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौतों से जुड़े रिश्ते, पीड़ित परिवारों को मिली राहत
जबलपुर। जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा व पाटन सहित कुटुम्ब और श्रम न्यायालयों में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने हजारों परिवारों को राहत दी। वर्षों से लंबित विवाद आपसी समझाइश से सुलझे, जिससे टूटने की कगार पर पहुंचे कई दाम्पत्य और पारिवारिक रिश्ते फिर से जुड़ सके। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों के स्वजनों को मुआवजा और घायलों को इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
समझाइश से बचे दाम्पत्य और परिवार
कुटुम्ब न्यायालय में भरण-पोषण और घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों में समझौते हुए। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश डीके सिंह की पीठ के समक्ष सोनाली बनाम प्रवीण प्रकरण में छह वर्षों से चल रहा विवाद सुलह से समाप्त हुआ। सोनाली ने पति प्रवीण के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण भी वापस ले लिया। इसी तरह एक अन्य दंपती ने परामर्श के बाद साथ रहने का निर्णय लेते हुए भरण-पोषण का केस वापस लिया, जिससे परिवार पुनः एकजुट हो सका।
दुर्घटना पीड़ितों को मिला मुआवजा
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की पीठ के समक्ष कई मामलों का निपटारा हुआ। एक प्रकरण में दुर्घटना में दिवंगत शिक्षक अमरजीत भगत की विधवा सीमा भगत को 56 लाख रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया गया। इसके अलावा अन्य दुर्घटना मामलों में भी मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान की गई।
46 मामलों का एक पीठ से निराकरण
न्यायाधीश डीपी सूत्रकार की अध्यक्षता वाली पीठ से 46 प्रकरणों का समझौते के आधार पर निराकरण किया गया। इनमें पारिवारिक, पड़ोसी, व्यावसायिक और सेवा संबंधी विवाद शामिल रहे। गुरु गोविंद सिंह एजुकेशन सोसायटी ने अपने कर्मचारियों को अधिक ग्रेच्युटी देने से जुड़े चार प्रकरण वापस लिए। कई मामले पांच वर्षों से अधिक समय से लंबित थे।
8222 प्रकरण निपटे, 59 करोड़ से अधिक की राहत
जिला न्यायालय जबलपुर, सिहोरा व पाटन तहसील न्यायालयों सहित विभिन्न न्यायालयों में कुल 8222 प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया गया। इस दौरान 59 करोड़ 95 लाख रुपये से अधिक की मुआवजा व समझौता राशि वितरित की गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णमूर्ति मिश्र के मार्गदर्शन में गठित 78 खंडपीठों ने इस व्यापक प्रक्रिया को सफल बनाया।
