हर पटवारी रिश्वतखोर नहीं होता! जांच में खुली हकीकत


टिकरिया की भूमि का 2021 में ही हुआ था नामांतरण, अब नारायणपुर की पट्टा भूमि की जांच करेगा राजस्व और वन विभाग का संयुक्त दल

जबलपुर। सोशल मीडिया पर कुंडम तहसील के ग्राम टिकरिया निवासी बेलबाई बैगा से फौती नामांतरण के बदले पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की खबर पूरी तरह भ्रामक साबित हुई है। कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर एसडीएम कुंडम द्वारा की गई त्वरित जांच में खुलासा हुआ है कि आवेदिका के पति की भूमि का नामांतरण वर्ष 2021 में ही किया जा चुका है।

सोशल मीडिया पर फैला था भ्रम

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक समाचार प्रसारित हुआ था जिसमें दावा किया गया कि बेलबाई बैगा अपने पति जंगलिया बैगा की मृत्यु के बाद पिछले पांच वर्षों से नामांतरण के लिए तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रही हैं। खबर में यह भी आरोप लगाया गया था कि पटवारी द्वारा उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई है। मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे।

जांच में ऐसे स्पष्ट हुई वस्तुस्थिति

एसडीएम कुंडम प्रगति गणवीर ने बताया कि बेलबाई के पति के नाम पर दो अलग-अलग स्थानों,टिकरिया और नारायणपुर में भूमि दर्ज थी। जांच में पाया गया कि टिकरिया स्थित 0.18 हेक्टेयर भूमि के नामांतरण का आदेश अक्टूबर 2021 में ही तहसीलदार द्वारा पारित कर दिया गया था। वर्तमान में यह भूमि बेलबाई और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों के नाम पर दर्ज है।

नारायणपुर की भूमि हेतु विशेष दल गठित

वहीं, ग्राम नारायणपुर की 0.90 हेक्टेयर भूमि के संबंध में एसडीएम ने स्पष्ट किया कि इस भूमि के नामांतरण के लिए अब तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ था। चूंकि यह भूमि पट्टे पर आवंटित है और इस पर वनोपज लगी है, इसलिए कलेक्टर के निर्देश पर एक संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। इस दल में तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक के साथ फॉरेस्ट रेंजर और वन विभाग के बीट प्रभारी को शामिल किया गया है, जो रविवार को मौके पर जाकर जांच करेंगे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के झूठे दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

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