जबलपुर। नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी (वीयू) के अंतर्गत आने वाले महू वेटरनरी कॉलेज में एक बड़े वित्तीय गड़बड़झाले का अंदेशा जताया जा रहा है। कॉलेज में हुए एक टेंडर में जमा की गई 50 हजार रुपये की एफडीआर के संदिग्ध पाए जाने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आ गया है।
बैंक रिकॉर्ड में नहीं मिली की जानकारी
पूरा मामला महू वेटरनरी कॉलेज में कुछ माह पहले हुए सेप्टिक टैंक के टेंडर से जुड़ा है। नियमों के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में सुरक्षा निधि के तौर पर एफडीआर जमा करना अनिवार्य था। जब मौखिक शिकायतों के आधार पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बैंक से इस एफडीआर की पड़ताल की, तो बैंक के ऑनलाइन रिकॉर्ड में इससे संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं पाई गई। इस खुलासे ने टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विश्वविद्यालय के सूत्रों का कहना है कि कुलपति के निर्देशन में बनने वाली यह जांच टीम टेंडर से जुड़े सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच करेगी। इस खबर के बाहर आते ही उन अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है जो इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा थे। आशंका जताई जा रही है कि जांच के दौरान कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं और टेंडर प्रक्रिया में शामिल अन्य दस्तावेजों की वैधता पर भी गाज गिर सकती है।
टीम जल्दी शुरू करेगी जांच
यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ. रामकिंकर मिश्रा ने कहा कि शिकायत के बाद बैंक से प्रारंभिक पड़ताल की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल्द ही एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
