जबलपुर। पुलिस ने करोड़ों की धोखाधड़ी के मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे 'इनामी ठग' अमित खम्परिया पर शिकंजा कस दिया है। नागपुर से क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए खम्परिया को अब लॉर्डगंज पुलिस ने रिमांड पर लिया है। इससे पहले कोतवाली पुलिस ने आरोपी से दो बैंक खातों के ट्रांजेक्शन और धोखाधड़ी की रकम के लेन-देन को लेकर सघन पूछताछ की थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमित खम्परिया के खिलाफ जबलपुर, मंडला, उमरिया और आसपास के जिलों में 18 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपी पर 1 लाख 40 हजार का इनाम भी घोषित था। हालिया कार्रवाई लॉर्डगंज थाना अंतर्गत यादव कॉलोनी में दर्ज एक प्रकरण के आधार पर की गई है। आरोपी ने एक रिटायर्ड फैक्ट्री कर्मचारी को टोल प्लाजा में डबल मुनाफे और पार्टनरशिप का लालच देकर 23 लाख की ठगी की थी। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी गई विशाल धनराशि का निवेश कहाँ किया गया है।
सपाक्स पार्टी के नाम का दुरुपयोग और चुनावी धोखाधड़ी
अमित खम्परिया का इतिहास न केवल आर्थिक ठगी बल्कि राजनीतिक जालसाजी से भी भरा रहा है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान उसने उत्तर विधानसभा क्षेत्र से 'सर्वसमाज कल्याण पार्टी' के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस दौरान आरोपी पर 'सपाक्स पार्टी' के नाम का अनधिकृत और गलत तरीके से उपयोग करने का आरोप लगा था। तत्कालीन सपाक्स जिलाध्यक्ष योगेंद्र तिवारी की शिकायत पर लॉर्डगंज पुलिस ने धोखाधड़ी, साजिश और दस्तावेजों की कूटरचना (फर्जीवाड़े) का मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उसने राजनीतिक लाभ लेने के लिए पार्टी की साख का गलत इस्तेमाल किया। इसी पुराने मामले में भी अब पुलिस गहराई से छानबीन कर रही है। खम्परिया की गिरफ्तारी से शहर के कई अन्य बड़े घोटालों के राज खुलने की संभावना है।
