इंदौर. मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस ने धार जिले के एक थाने में पदस्थ उप निरीक्षक और एक प्राइवेट व्यक्ति को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, आरोपी उप निरीक्षक (एसआई) एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज शिकायत में थाने से जमानत दिलवाने, ट्रेक्टर को छोडऩे एवं जल्दी चालान पेश करने के बदले 12 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। खास बात यह है कि एसआई ने रिश्वत लेने के लिए एक बाहरी व्यक्ति को लगा रखा था.
लोकायुक्त इंदौर से मिली जानकारी के मुताबिक धार जिले के ग्राम अकोलिया थाना राजोद तहसील सरदारपुर में रहने वाले जीवन राठौर ने एक शिकायती आवेदन कार्यालय में दिया था जिसमें थाने में पदस्थ उप निरीक्षक विक्रम देवड़ा पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाये थे।आवेदन में जीवन ने बताया कि उसके चाचा मुन्नालाल राठौर के पुत्र तेजपाल के विरुद्ध उसके भाई और उसके परिवार ने मिलकर मारपीट की रिपोर्ट थाना राजोद में करा दी, जिस पर थाना राजोद के एस आई विक्रम देवड़ा ने चाचा के पुत्र तेजपाल को थाने में बैठा लिया, एसआई विक्रम देवड़ा उसके भाई तेजपाल को थाने से जमानत दिलवाने, ट्रेक्टर को छोडऩे एवं जल्दी चालान पेश करने के बदले 12,000 रुपये रिश्वत मांग रहा है।
प्राइवेट व्यक्ति की मदद से चल रहा था रिश्वत लेने का खेल
शिकायती आवेदन मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इसका सत्यापन कराया, सत्यापन में सामने आया कि एस आई ने आवेदक से इस काम के लिए 2000 रुपये पहले ही ले लिए और बातचीत में शेष राशि 10000 रुपये प्राइवेट व्यक्ति अंबाराम सिंघार को देने के लिए कहा
एसआई ने रिश्वत की राशि प्राइवेट व्यक्ति को दिलाई लोकायुक्त ने दबोचा
रिकॉर्डिंग में बताये समय पर लोकायुक्त पुलिस इंदौर की टीम सोमवार 1 दिसम्बर की शाम को धार जिले के थाना राजोद पहुंची और एस आई विक्रम देवड़ा द्वारा बताये गए प्राइवेट व्यक्ति अंबाराम सिंघार को आवेदक जीवन ने रिश्वत की राशि 10000 दे दी, राशि हाथ में आते ही लोकायुक्त की टीम थाने में पहुंच गई और दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
