लखनऊ. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है किवह रेलवे के निजीकरण की बात भूल जाए. रेलवे के खाली पदों को तत्काल भरा जाए, निजीकरण और आउटसोर्सिंग पर रोक लगे तथा कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाए। वे एआईआरएफ के 101वें अधिवेशन के मौके पर कर्मचारियों के बीच अपनी बात कह रहे थे. इस अधिवेशन में देश भर के हजारों रेल कर्मचारी लखनऊ पहुंचे हैं.
श्री मिश्रा ने कहा कि रेलकर्मी सरकार से टकराव नहीं, बल्कि सकारात्मक संवाद चाहते हैं, लेकिन कर्मचारियों के हितों से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं होगा। दरअसल, रेलवे का चारबाग स्टेडियम में 4 दिवसीय अधिवेशन चल रहा है।
रेल कर्मचारियों की ये है प्रमुख मांगें
सबसे बड़ी मांग यही है कि रेलवे में वर्षों से खाली पड़े पदों को भरा जाए। इससे न सिर्फ कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा, बल्कि सुरक्षा भी बेहतर होगी। आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की बात सुनी जाए। अधिक कार्य घंटों को कम किया जाए। महिला कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील रवैया अपनाया जाए।
श्री मिश्रा ने कहा कि सरकार एक जनवरी से आठवें वेतन आयोग को लागू करने की बात कर रही है, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मंशा के अनुरूप प्रावधान नहीं किए गए हैं। हम चाहते हैं कि वेतन आयोग में रेल कर्मचारियों की वास्तविक जरूरतों और महंगाई को ध्यान में रखा जाए। इसके अलावा नए श्रम कानूनों का विरोध जारी रहेगा, आउटसोर्सिंग और निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुए और पुरानी पेंशन बहाली की मांग दोहराई जाती रहेगी.
