ईपीएफओ का बड़ा बदलाव : दो नौकरियों के बीच 60 दिनों का अंतर ' सेवा ब्रेक ' नहीं


जबलपुर।
ईपीएफओ ने कर्मचारियों के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब दो नौकरियों के बीच 60 दिनों तक का अंतर होने पर भी कर्मचारी की सेवा को लगातार सेवा माना जाएगा। अगर कोई कर्मचारी एक कंपनी छोड़ने के बाद 60 दिनों के भीतर दूसरी नौकरी जॉइन करता है, तो उसकी सर्विस ब्रेक नहीं मानी जाएगी। क्षेत्रीय अधिकारियों का कहना है कि वीकेंड भी बाधा नहीं बनेगा।

क्षेत्रीय अधिकारियों के मुताबिक कर्मचारियों को नौकरी बदलते वक्त सबसे बड़ा डर यही रहता है कि कहीं पीएफ, सर्विस रिकॉर्ड या बीमा लाभ पर असर न पड़ जाए। कई बार महज दो-चार दिन के गैप या वीकेंड की छुट्टियों ने कर्मचारियों के परिवारों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अब इसी चिंता को दूर करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नियमों में ऐसा बदलाव किया है, जिससे लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को सीधा फायदा मिलेगा। ईपीएफओ ने नौकरी बदलने और एम्प्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस योजना से जुड़े नियमों को आसान बना दिया है। 

ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि नौकरी बदलने के दौरान आने वाले शनिवार, रविवार या राजपत्रित अवकाश को भी अब सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा। पहले यदि कोई कर्मचारी शुक्रवार को पुरानी कंपनी छोड़ता था और वीकेंड या छुट्टी के बाद नई कंपनी ज्वाइन करता था, तो इस अवधि को ब्रेक मान लिया जाता था। अगर इस दौरान कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती थी, तो परिवार को योजना का लाभ नहीं मिल पाता था।

न्यूनतम बीमा राशि को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। अब ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को भी कम से कम 50,000 रुपये का बीमा लाभ मिलेगा, जिन्होंने मृत्यु से पहले लगातार 12 महीने काम नहीं किया था या जिनके पीएफ खाते में 50,000 रुपये से कम बैलेंस था। पहले इन मामलों में परिवारों को बहुत कम या कोई लाभ नहीं मिल पाता था।

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