सतना. मध्य प्रदेश में बिजली विभाग के कारनामे तो लगातार सामने आते रहते हैं, किंतु इस बात तो विभाग ने गजब ही कर डाला है। सतना जिले में एक उपभोक्ता को सिर्फ 12 रुपये की कथित बकाया राशि के लिए बिजली आधिकारिक नोटिस भेज दिया. नोटिस भी ऐसा कि पढ़ते ही उपभोक्ता अचंभित रह गया और कुछ ही देर में यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
उपभोक्ता ने बताया कि उसने कभी बिल बकाया नहीं किया है. वह हर महीने नियमित भुगतान करता है. इसके बावजूद उसे 12 रुपये के लिए नोटिस भेजा गया. अब विभाग के जूनियर इंजीनियर हेमराज सेन कह रहे हैं कि गलती से बिल का नोटिस भेज दिया गया था, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि लाइनमैन ने गलती से यह नोटिस दे दिया था.
दरअसल, सतना जिले के कोठी क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ता पीयूष अग्रवाल को यह नोटिस 22 मई 2025 का बताया गया है, जिसे उन्हें 5 दिसंबर को विभागीय कर्मचारियों ने सौंपा. नोटिस में साफ लिखा था कि उनके ऊपर 12 रुपये की राशि बकाया है और उसे तुरंत जमा किया जाना चाहिए. उपभोक्ता पीयूष ने बताया कि उन्होंने आज तक कभी भी बिल का भुगतान नहीं रोका. उन्होंने पूरा रिकॉर्ड संभालकर रखा है और हर महीने समय पर भुगतान भी किया है. इसके बावजूद नोटिस मिलने से वे हैरान रह गए. जैसे ही उन्होंने इसका फोटो सोशल मीडिया पर डाला, मामला तेजी से वायरल हो गया.
वायरल हुआ वीडियो तो अफसर चौंके
सतना के बिजली विभाग के अफसरों को मामले का पता सोशल मीडिया की वायरल खबर से चला. जांच की गई तो पता चला कि पीयूष अग्रवाल ने तो समय पर भुगतान किया था और उनका कोई बिल बकाया नहीं था. इसके बाद भी उन्हें 12 रुपए जमा करने का नोटिस जारी कर दिया गया है. इसी जांच में एक और पोल खुली कि यह नोटिस 22 मई 2025 को जारी हुआ जो उपभोक्ता को 5 दिसंबर 2025 को मिला. विभाग के अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है. मीडिया से चर्चा में जेई हेमराज सेन ने कहा कि हमें गलती का अहसास है, अब आगे ऐसा ना हो, इसके लिए अलर्ट किया गया है.
सोशल मीडिया पर किरकिरी, मजाक उड़ रहा है
यह पत्र सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हो रहा है. जो खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, सोशल मीडिया पर 12 रुपये बकाया नोटिस की तस्वीर वायरल होने और बिजली विभाग की चौतरफा किरकिरी होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं. इस मामले में कोठी के जेई हेमराज सेन ने विभाग की गलती स्वीकार की है. लोग इस बात पर आश्चर्य जता रहे हैं कि एक तरफ तो लाखों करोड़ों के बिल वसूलने की हिम्मत नहीं पड़ रही है, वहीं 12 रुपये बकाया के लिए नोटिस भेजा जा रहा है. यह राशि यदि बकाया थी तो उसे अगले बिल में जोड़कर भेजा जा सकता था.
