जबलपुर। पश्चिम-मध्य रेलवे के प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर बंद बॉटल पानी की बोतलों का लंबा खेल चल रहा है। यह खेल ऐसा है, जिसमें रेल प्रशासन खुद को ठगा महसूस कर रहा है। रेलवे की सुरक्षा एजेन्सी मामले में कुछ नहीं कर पा रही है, जिसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है।
रेलवे स्टेशनों के रेस्टॉरेंट, बूथ, स्टॉल सहित फेरी करने वाले पानी की बोतलें बेच रहे हैं। ये बोतलें प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं है बल्कि ट्रे्नों में भी यात्रियों को बेची जाती है। रेलवे के सामने ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें अवैध रूप से वेंडर परिसर या ट्रे्नों में नल का पानी भरकर पानी की बोतलें यात्रियों को बेचने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसे मामलों को देखते हुए रेल प्रशासन ने यात्रियों को आगाह किया है कि वे पानी की बोतलें क्रय करते समय उसकी सील जरूर देखें। यदि किसी वेंउर खुली सील वाली या संदिग्ध बोतल बेच रहा है तो यात्री संबंधित लायसेंसी वेंडर का नाम सहित उसकी सूचना विभाग को दें ताकि उस पर कार्रवाई हो सके।
ये है मामला
जबलपुर सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर अवैध रूप से घूमने वाले वेंडर्स पानी की खाली बोतलें बीनकर उसमें स्टेशन के ही नलों से ठंडा पानी भरकर यात्रियों को बेच देते हैं। ठंडे पानी की चाहत में यात्री इसे खरीद लेता है। उधर, बिना कुछ करें ये अवैध वेंडर्स खासा लाभ कमा लेते हैं।
अनसुलझे सवाल
- सुरक्षा अमला है तो अवैध वेंडर्स कैसे प्लेटफॉर्म पर घूम रहे हैं?
- स्टेशन के छोर पर खाली बोतलों का ढेर लगा रहता है?
- इक्का-दुक्का कार्रवाई करके सुरक्षा अमला खामोश हो जाता?
- अवैध वेंडर्स स्टेशन पर हंगामा कर रहे हैं, कार्रवाई नहीं?
- प्लेटफॉर्म के आउटर से आना-जाना हो रहा?
