छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा स्थित जुन्नारदेव में पदस्थ कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रविन्द्र कुमरे को कलेक्टर हरेन्द्र नारायण ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अधिकारी पर उचित मूल्य दुकान की जांच और अनुकूल रिपोर्ट देने के एवज में अवैध धनराशि मांगने के आरोप सही पाए गए हैं। जांच में रिश्वत के लेन.देन के डिजिटल सबूत और व्हाट्सऐप चैट भी मिले हैं।
शिकायतकर्ता अश्विन गोदवानी ने अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए थे। मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने अतिरिक्त कलेक्टर से विस्तृत जांच कराई। जांच रिपोर्ट में कुमरे पर लगे कई आरोपों की पुष्टि हो गई। रिपोर्ट के अनुसार श्री कुमरे ने अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए बार-बार रुपयों की मांग की। शिकायतकर्ता से अलग-अलग किस्तों में लगभग 25000 रुपए लिए जाने की बात सामने आई है। जांच में व्हाट्सऐप चैट और बातचीत के स्क्रीनशॉट के अलावा दो डिजिटल लेनदेन महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में मिले। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि अधिकारी ने काम अटकाने, लाइसेंस निरस्त करने व प्रतिकूल रिपोर्ट भेजने की धमकी देकर शिकायतकर्ता पर दबाव बनाया। शासन ने इस आचरण को गंभीर कदाचार माना है। कलेक्टर ने इसे मप्र सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लंघन मानते हुए निलंबन आदेश जारी किए। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय अमरवाड़ा रहेगा। निलंबन के बाद जुन्नारदेव का प्रभार परासिया के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुमित चौधरी को अतिरिक्त रूप से सौंप दिया गया है।