खितौला की सरकारी जमीन पर सागौन के कत्लेआम का काला खेल!

 


रातों-रात कट रही कीमती लकड़ी, अनुमति पर उठे गंभीर सवाल,पब्लिक आक्रोशित

जबलपुर। सिहोरा के खितौला इलाके में सागौन के पेड़ों की सरेराह कटाई का मामला तूल पकड़ गया है। सरकारी भूमि पर खड़े दर्जनों सागौन पेड़ों को पिछले कई दिनों से रात के अंधेरे में काटा जा रहा था। मामला तब प्रकाश में आया जब क्षेत्रवासियों ने लगातार ट्रैक्टर और कटर मशीनों की आवाज सुनने की शिकायत की।

-वन विभाग की टीम ने कटाई रोकी

सूचना मिलने पर वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगाई। टीम ने बताया कि जिस जमीन पर सागौन के पेड़ काटे जा रहे थे, वह नगरपालिका क्षेत्र की खाली भूमि है और वहां इस तरह की बड़े पैमाने पर कटाई के लिए जरूरी अनुमति स्पष्ट रूप से संदिग्ध है।

-सीएमओ की मंजूरी पर उठा विवाद

स्थानीय लोगों का आरोप है कि कटाई का काम नगर पालिका परिषद सिहोरा के सीएमओ द्वारा दी गई कथित अनुमति के बाद शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि 28 मई 2025 को एक आदेश जारी किया गया था, जिसके आधार पर पेड़ों की कटाई का रास्ता खुला। लेकिन वन विभाग का कहना है कि सागौन की कटाई के लिए विशेष सरकारी अनुमति अनिवार्य होती है, जो इस प्रकरण में संदिग्ध नजर आ रही है। मौके पर मिले कटे ठूंठों से साफ है कि भारी मात्रा में सागौन की लकड़ी हटाई गई है। ये वही पेड़ हैं जिन्हें कभी ग्रामीणों ने संरक्षण और छाया के लिए लगाया था। क्षेत्रवासियों का कहना है कि रात-दिन कटाई चलती रही और प्रशासन को जब इसकी भनक लगी, तब तक कई पेड़ों को धराशायी किया जा चुका था।

-वन विभाग शुरू करेगा विस्तृत जांच

वन विभाग ने पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि अवैध कटाई की पुष्टि हुई, तो संबंधित जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना से नाराज ग्रामीणों ने नगरपालिका प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खितोला क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से कीमती लकड़ी की कटाई का यह पहला मामला नहीं है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सागौन कटाई के पीछे किसका हाथ है, इसकी जांच खुलेतौर पर होनी चाहिए।



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