जबलपुर। शहर का बाजार 24 घंटे में हर रोज दो घंटे फ्रीज हो रहा है। यह बाजार क्यों फ्रीज हो रहा है? आखिर इस पर यातायात या जिला प्रशासन कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता है? क्या, वजह है, जिससे यहां जाम के हालात बन रहे हैं? ये ऐसे सवाल हैं, जिस पर चिंतन जरूरी है। ताकि विकास के साथ रफ्तार न थमें लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। प्रशासनिक अनदेखी और अफसरों की लापरवाही से बाजार का मटियामेट हो रहा है।
नरघैया, सराफा, कमानिया, फुहारा, अंधेरदेव, घमंडी चौक, निवाड़गंज ऐसी जगह बनती जा रही है, जहां शाम ढलते लोग जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। इस जगह पर शाम होते ही जाम के हालात बन रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों से बातचीत में यह सामने आया है कि इसकी वजह और कुछ नहीं अवैध रूप से होने वाली तिपहिया की अवैध पार्किंग हैं। प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए गो एंड ड्र्ॉप सिस्टम के लिए ई-रिक्शा दिए थे लेकिन यहां हालात ये हो गए हैं कि इस जगह पर तिपहिया पार्क कर दिए जा रहे हैं या फिर उसे इस ढंग से चलाया जा रहा है, जिससे यहां यातायात की रफ्तार टूट रही है। इससे बाजार में भीड़ का दबाव बढ़ रहा है और ऐसा समय बन जाता है, जिससे चारों ओर जाम लगता है।
एक जाम से दूसरा स्थान प्रभावित
जानकार कहते हैं कि इन जगहों में से एक जगह पर जाम होने से दूसरे स्थान प्रभावित होने लगते हैं। होता यह है कि नरघैया में जाम होते ही इसका असर अंधेरदेव, तुलाराम चौक से लेकर फुहारा तक पड़ता है। फुहारे पर दबाव बढ़ते ही कमानिया, सराफा और निवाड़गंज भी प्रभावित होने लगते हैं।
रविवार को थे ये हालात
- कमानिया-फुहारा-चरहाई तक जाम लगा।
- नरघैया-कोतवाली-सराफा में जाम।
- फुहारा-निवाड़गंज-चरहाई में वाहन फंसे।
- भीड़ में थे दो पहिया के साथ ई-रिक्शा।
कहते हैं लोग
- बाजार में ई-रिक्शा आने के बाद हालत खराब हो गई है। जाम लगने लगा है।
बाबूलाल
- ई-रिक्शा के पहले रिक्शा थे। सवारी छोड़कर चलें जाएं तो जाम नहीं होगा।
राजेश
- मालवाहक ई-रिक्शों से तो जाम लगना तय है। रोज लग रहा है।
स्वतंत्र
कहते हैं जिम्मेदार
लोगों को जागरूक होना जरूरी हैं कि वे पार्किंग स्थल पर ही वाहन पार्क करें। ई-रिक्शा जाम की वजह बन रहा है। बाजार के कुछ प्वाइंटों से इन्हें अंदर जाने नहीं दिया जाएगा, जिसकी समय सीमा बढ़ाई जाएगी ताकि जाम न लगे।
अंजना तिवारी, एएसपी (यातायात)