जबलपुर. मऊ से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) जाने वाली ट्रेन के एसी-2 कोच के बाथरूम में एक बुजुर्ग यात्री की अचानक तबियत बिगड़ गई और वहाीं गिर गया. उसे परिजनों द्वारा तत्काल सीट पर लाकर लेटाया गया और अस्पताल को सूचित किया गया. किंतु दुर्भाग्य की बात है कि ट्रेन के स्टेशन पहुंचने पर डाक्टर की जगह कम्पांउडर यात्री की जांच करने पहुंचा, जिससे यात्रियों में आक्रोश रहा.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मऊ से चलकर एलटीटी को जाने वाली गाड़ी संख्या 15181 के बी-4 कोच में 70 वर्षीय यात्री सुबह जब बाथरूम गये तो वहां पर उन्हेें चक्कर आया और वह वहीं गिर पड़े, उन्हें तत्काल साथ में यात्रा कर रहे परिजनों व अन्य यात्रियों ने सीट पर लेटाया और घटना की सूचना ट्रेन के कंडक्टर को दी. कंडक्टर ने कंट्रोल के माध्यम से रेलवे अस्पताल में मरीज के अस्वस्थ होने की सूचना दी। ट्रेन सुबह जबलपुर पहुंची तो मरीज को अटेंड करने डाक्टर की जगह कम्पांडर पहुंचा, उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और अस्पताल में फोन करक एक डाक्टर को बुलाया, तब तक यात्री की मौत हो चुकी थी. इस घटना से परिजनों व अन्य यात्रियों में रोष देखा गया. यात्रियों का कहना था कि अस्पताल प्रशासन को इतनी संवेदनशीलता दिखानी थी कि जब समय पर यात्री के अचानक अस्वस्थ होने की सूचना दी गई थी तो ट्रेन के जबलपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर पहुंचने पर चिकित्सक को स्वयं उपस्थित होना था. जो नहीं हुए. बताया जाता है कि कम्पाउंडर द्वारा मरीज को देखने के बाद कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो फिर से अस्पताल कॉल करके एक चिकित्सक को स्टेशन बुलाया गया, तब चिकित्सक ने यात्री को मृत घोषित किया.
अस्पताल प्रशासन ने जिम्मेदार डाक्टर की जगह कम्पाउंडर भेजकर संवेदनहीनता दिखाया है। यात्री ने पूरे घटनाक्रम की शिकायत रेलमंत्री, रेलवे बोर्ड चेयरमैन से करने की बात कही है.
