प्रसूता देविका के पति कैलाश साहू ने बताया कि चांदामेटा सरकारी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पत्नी की तबीयत लगातार खराब होने लगी। शरीर में अत्यधिक सूजन और दर्द बढऩे पर वे एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचे। यहां जांच के दौरान ऑपरेशन किया गया और महिला के शरीर से कपड़ा निकाला गया। कैलाश का कहना है कि अस्पताल स्टाफ की लापरवाही ने मेरी पत्नी की जान जोखिम में डाल दी है। निजी अस्पताल में उपचार कर रहीं डॉक्टर कंचन दुबे ने पुष्टि की कि महिला के शरीर में गंभीर संक्रमण तेजी से फैल रहा था। समय पर उपचार न मिलने पर स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। डॉ दुबे के अनुसार फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों की स्थिति स्थिर है। लेकिन संक्रमण के कारण महिला की जान खतरे में पड़ गई थी। चांदामेटा अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ रेणुका सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। ड्यूटी पर मौजूद नर्स संतोषी खरे व नीलम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हालांकि पीडि़त परिवार का कहना है कि यह कार्रवाई केवल औपचारिकता है।