हाई कोर्ट ने कटनी विधायक संजय पाठक को फिर भेजा नोटिस, अब विधानसभा सचिव के माध्यम से तामीली के निर्देश,अब्दुल रज्जाक की याचिका में लगाए गए आरोपों पर 15 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
जबलपुर। अब्दुल रज्जाक द्वारा लगाए गए आरोपों के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने कटनी विधायक संजय पाठक को जारी अपने नोटिस की तामील न होने पर सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को अवगत कराया कि 31 अक्टूबर को जारी नोटिस विधायक के आवास पर उपलब्ध न होने के कारण तामील नहीं हो पाया। इस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस रामकुमार चौबे की खंडपीठ ने विधानसभा सचिव के माध्यम से नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नोटिस की सही ढंग से तामील आवश्यक है ताकि मामले की सुनवाई आगे बढ़ सके। अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर तय की गई है, जिसमें नोटिस तामील की प्रगति रिपोर्ट और प्रारंभिक जवाब कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होना है। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रक्रिया बाधित न हो, इसलिए वैकल्पिक माध्यमों से नोटिस तामील कराना उचित रहेगा।
क्या हैं आरोप
अब्दुल रज्जाक ने अपनी याचिका में कटनी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री संजय पाठक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनके विरुद्ध की जा रही कानूनी कार्रवाई विधायक के इशारे पर हो रही है। पिछली सुनवाई में अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि रज्जाक के व्यवसाय से जुड़े विवादों में पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई अचानक तेज हो गई, जो राजनीतिक प्रभाव का संकेत देती है।रज्जाक का दावा है कि उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप साबित करने के लिए कई दस्तावेज भी कोर्ट में लगाए हैं। इसी आधार पर उन्होंने न्यायालय से निष्पक्ष जांच और संरक्षण की मांग की है।
नोटिस तामील में देरी
- 31 अक्टूबर का नोटिस संजय पाठक के आवास पर न होने के कारण तामील नहीं
- कोर्ट ने कहा,विधानसभा सचिव के माध्यम से तामील सुनिश्चित की जाए
- कोर्ट ने कहा,अगली सुनवाई से पहले नोटिस तामील की पुष्टि अनिवार्य
- -राजनीतिक दबाव में कार्रवाई:आरोप
- याचिकाकर्ता के अनुसार, पूर्व मंत्री के प्रभाव से कार्रवाई की गई
- व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को बताया विवाद की जड़
- कोर्ट में पूरे मामले का विस्तृत रिकॉर्ड प्रस्तुत किया गया
