खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा में ग्राम पैठिया (मछौड़ी रैय्यत) जावर में उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब पुलिस ने मदरसे में दबिश देकर 20 लाख के नकली नोट बरामद किए है। नकली नोटों से भरा बैग मस्जिद के इमाम जुबैर पिता अशरफ अंसारी के कमरे से मिला है। मामले का खुलासा तब हुआ जब मालेगांव पुलिस ने नकली नोटों के साथ जुबेर व उसके साथी नजीम अकम अयूब अंसारी को 10 लाख के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।
पुलिस की टीम को खबर मिली कि मालेगांव में पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी तो पैठियां गांव की मस्जिद का इमाम जुबेर है। इसके बाद जावर के पुलिस अधिकारियों ने मदरसे में आरोपी जुबेर के कमरे की तलाशी ली तो कमरे से एक बैग मिला, जिसमें करीब नकली नोट मिले है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जुबेर मूल रूप से बुरहानपुर के हरिपुरा क्षेत्र का निवासी है। वह मदरसे की ऊपरी मंजिल पर किराए के कमरे में रहता था। पुलिस को आशंका है कि तस्करी का बड़ा नेटवर्क यहां सक्रिय हो सकता है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर सप्लाई चेन व अन्य साथियों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस का कहना है कि जुबैर व नजीम नकली नोट लेकर मालेगांव की ओर जा रहे थे, इस दौरान पुलिस ने मुंबई-आगरा हाईवे पर होटल एवन के पास जाल बिछाकर दोनों आरोपियों को पकड़ा था। तलाशी में नकली नोटों के बंडल बरामद किए। जांच के दौरान दोनों के पास से 500 रुपए मूल्य के 2000 के नकली नोट (कुल 10 लाख रुपए), दो मोबाइल हैंडसेट व बैग कुल 10 लाख 20 हजार रुपए मूल्य का माल जब्त किया। नोटों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वे पूरी तरह से नकली हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं 179, 180 व 3(5) के तहत मामला दर्ज कर दोनों को 8 दिन की पुलिस कस्टडी में लिया है।नमाज पढ़ाने का काम करता था आरोपी
पैठियां मस्जिद के सदर कलीम खान का कहना है कि जुबेर पिता अशरफ अंसारी पड़ोस के गांव बेनपुरा डोंगरी में नमाज पढ़ाने का काम करता था। उस गांव में कोई दूसरा इमाम आ गया तो जुबेर की छुट्टी हो गई। तब हमने जुबेर को एप्रोच किया और उसे हमारे यहां ले आए। वह बुरहानपुर का रहने वाला था इसलिए उससे ज्यादा लिखा&पढ़ी नहीं की। सदर के अनुसारए आरोपी जुबेर को 3 महीने पहले ही पैठियां की मस्जिद में बतौर इमाम रखा गया था। 3 महीने के भीतर वह कई बार छुट्टी पर जा चुका था। पिछले महीने 26 अक्टूबर को जुबेर यह कहकर गया कि उसकी मां की तबीयत खराब है। इसलिए वह छुट्टी पर जा रहा है। तब से वह पैठियां नहीं लौटा है।