15 लाख के सैलरी ऑर्डर पर भारी पड़े कायदे, आदेश स्थगित



स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ा प्रकरण, हाजिरी मान्य न होने के कारण रोक दिया गया फरमान,कोर्ट से मिला यथास्थिति का आदेश, बताया जा रहा स्टे

जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग की एक महिला अधिकारी की करीब दो साल पूर्व से अटकी 10 महीने की सैलरी का ऑर्डर जारी होने और फिर उसे रोके जाने की चर्चाएं शिक्षा विभाग के गलियारों में तेजी से फैल रही हैं। इस प्रकरण में जिला पंचायत कार्यालय द्वारा पहले सैलरी का ऑर्डर जारी कर दिया गया था,लेकिन बाद में जब नियमों के तराजू में प्रकरण को तौला गया तो आदेश जारी करना तर्कसंगत दिखाई नहीं दिया। इस प्रकरण में कोर्ट से मिले यथास्थिति के आदेश को स्टे बताकर भ्रम भी फैलाया जा रहा है। 

-क्यों अटकी 10 महीने की सैलरी

मामला  करीब दो साल पुराना है,जब तत्कालीन प्रभारी बीईओ श्रीमती अंजनी सेलट को इस पद से स्थानांतरित कर घमापुर स्कूल का प्राचार्य बना दिया गया। इस बदलाव से अंजनी सेलट बेहद नाखुश थीं इसलिए वे न्यायालय की शरण में चली गयीं। माननीय न्यायालय द्वारा यथास्थिति का आदेश जारी किया गया, तब तक नए बीईओ सुधीर उपाध्याय ने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया था। इसके बाद अगले 10 महीने तक श्री उपाध्याय के बीईओ होने के बाद भी श्रीमती सेलट बीईओ आॅफिस जाती रहीं,लेकिन इस दौरान श्री उपाध्याय ने उन्हें अटेंडेंस दर्ज  नहीं करने दिया। यही वो दस महीने हैं,जिनकी सैलरी श्री सेलट को जारी होने जा रही थी।

-रोका क्यों गया ऑर्डर

श्रीमती सेलट का सैलरी आॅर्डर ऐन मौके पर इसलिए रोका गया,क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा उस अवधि की हाजिरी को मान्य नहीं किया गया है,जब हाजिरी ही मान्य नहीं है तो सैलरी का प्रश्न ही नहीं उठता। जिस वक्त तबादला होने के बाद श्रीमती सेलट बीईओ आॅफिस में बैठ रही थीं, उस समय कायदे से उनको घमापुर स्कूल के प्राचार्य का ओहदा संभालना था,लेकिन उन्होंने वह भी नहीं किया इसलिए उस हिसाब से भी उन्हें सैलरी नहीं दी जा सकती। बाद में श्रीमती सेलट का तबादला आदेश संशोधित हुआ और वर्तमान में वे जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी है,जहां से उन्हें बकायदा सैलरी प्राप्त हो रही थी।

-अभी जारी है कोर्ट में सुनवाई

हालाकि, इस प्रकरण में कोर्ट की लड़ाई अभी बाकी है। श्री सेलट के नाम एक और अजूबा दर्ज है। ये जिस मामले में याचिकाकर्ता हैं, उसी मामले में इन्होंने महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत भी मांग लिया है यानी जिस सरकारी आदेश के विरोध में श्रीमती सेलट केस लड़ रही हैं, सरकारी के उसी कार्यालय से अभिमत भी मांग रही है। इस केस की सुनवाई जारी है। सरकार की ओर इस प्रकरण के ओआईसी जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी को बनाया गया है।

-जांच के बाद होगा अंतिम निर्णय

श्रीमती सेलट का ऑर्डर रोक दिया गया है,क्योंकि उसके कई बिन्दुओं की जांच आवश्यक है। दरसअल, उस अवधि की हाजिरी को लेकर जेडी के अधिकारियों से जांच रिपोर्ट मांगी गयी है,रिपोर्ट आते ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी

अभिषेक गहलोत, सीईओ, जिला पंचायत, जबलपुर

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