त्रिमूर्ति नगर में दिल दहला देने वाला हादसा! खेलते-खेलते दो बच्चे सेप्टिक टैंक के गड्ढे में गिरे, दोनों की मौत

 


जबलपुर। शहर के त्रिमूर्ति नगर, मनमोहन नगर अस्पताल के पास उस समय एक बड़ा और दिल दहला देने वाला हादसा होने की आशंका ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया जब दो मासूम बच्चे अचानक खेलते-खेलते लापता हो गए। बच्चों की चप्पलें एक खुले पड़े सेप्टिक टैंक के गड्ढे के पास मिलने से यह गंभीर संदेह पैदा हुआ है कि दोनों खेलते हुए उसमें गिर गए होंगे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक अमला तत्काल मौके पर पहुंचा और बड़े स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। कुछ देर बाद दोनों बच्चों के शव  सेप्टिक टैंक से बरामद हुए हैं। बच्चों की पहचान  विश्वकर्मा परिवार के कान्हा विश्वकर्मा (10 वर्ष) और विनायक विश्वकर्मा (12 वर्ष) के रूप में हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खेलते हुए हुए लापता, चप्पलों से गहराया संदेह लापता बच्चों के पिता जय विश्वकर्मा ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कान्हा और विनायक घर के पास ही खेल रहे थे। बच्चे काफी देर तक जब दिखाई नहीं दिए तो परिजनों ने आसपास उनकी तलाश शुरू की। खोजबीन के दौरान, परिवार उस वक्त सदमे में आ गया जब बच्चों की छोटी चप्पलें पास में ही स्थित एक अधूरे और असुरक्षित सेप्टिक टैंक के गड्ढे के किनारे मिलीं। चप्पलों का गड्ढे के पास मिलना इस बात का स्पष्ट संकेत दे रहा है कि दोनों बच्चे खेलते-खेलते इस गहरे और खतरनाक गड्ढे में गिर गए होंगे।स्थानीय लोगों में आक्रोश और दहशत घटना की खबर बिजली की तरह पूरे इलाके में फैल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। इस दर्दनाक घटना की आशंका से पूरे त्रिमूर्ति नगर में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय निवासियों में भी गहरा आक्रोश है कि रिहायशी इलाके में इस तरह से सेप्टिक टैंक का गड्ढा खुला कैसे छोड़ दिया गया, जिससे इतना बड़ा हादसा हो सकता है। यह स्पष्ट रूप से ठेकेदार और संबंधित विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है।

बड़े पैमाने पर बचाव और राहत कार्य शुरू लापता बच्चों के सेप्टिक टैंक में गिरने की आशंका के चलते प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए बचाव कार्य शुरू किया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम, पुलिस के जवान और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। गड्ढे से पानी निकालने और बच्चों की तलाश के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीमों को बुलाने की तैयारी भी की जा रही है ताकि तलाशी अभियान को तेजी से और सुरक्षित तरीके से चलाया जा सके। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब तक बच्चों का पता नहीं चल जाता, तब तक तलाशी अभियान जारी रहेगा। उन्होंने इलाके के लोगों से शांति बनाए रखने और बचाव कार्य में बाधा न डालने की अपील की है। लापरवाही पर उठ रहे गंभीर सवाल यह घटना एक बार फिर शहर के निर्माण कार्यों में बरती जा रही गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करती है। यह सेप्टिक टैंक का गड्ढा किसका था, क्या यह किसी निजी अस्पताल या निर्माणधीन इमारत का हिस्सा था, और इसे खुला क्यों छोड़ा गया कृये सभी सवाल जांच के घेरे में हैं। इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है।

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