मैहर. मध्य प्रदेश के मैहर के एक दर्जन मजदूरों को महाराष्ट्र के जालना जिले में लगभग एक महीने से बंधक बनाकर रख गया था. इन मजदूरों को जिला प्रशासन और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से सुरक्षित छुड़ाकर वापस घर लाया गया है. सभी मजदूर ट्रेन के माध्यम से इटारसी होते हुए शनिवार को मैहर पहुंचे, जहां श्रम निरीक्षक नरेश पटेल ने उनका स्वागत किया और घटना की विस्तृत जानकारी ली.
जानकारी के अनुसार, ये सभी मजदूर अगस्त माह में अपने परिवार के साथ रोजगार की तलाश में मैहर से निकले थे. जालना पहुंचने पर उन्हें एक व्यक्ति ने संतरे तोडऩे का काम दिया. कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन दीपावली से कुछ दिन पहले जब मजदूरों ने घर लौटने की इच्छा जताई, तो जालना के सुखापुड़ी गांव के आबा नामक व्यक्ति ने उन्हें जाने से रोक दिया.
मजदूरों के अनुसार, आबा ने कहा कि संतरे तोडऩे के बाद उन्हें गन्ना कटाई का काम भी करना होगा, तभी वे घर जा पाएंगे। विरोध करने पर मजदूरों को धमकाया गया और उन पर कड़ी निगरानी रखी जाने लगी. फंसे मजदूरों ने छिपकर अपने घरवालों को फोन कर स्थिति की जानकारी दी. सूचना मिलते ही मैहर जिला प्रशासन और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क साधा। संयुक्त अभियान चलाकर सभी मजदूरों को सुरक्षित छुड़ाया गया.
मैहर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मजदूरों से बातचीत कर पूरी घटना का ब्यौरा लिया और रिपोर्ट तैयार की. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. स्थानीय प्रशासन ने मजदूरों को भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी.
