बाघों की खाल चीन में बेंचने वाले शिकारियों को जमानत नहीं

 
एकलपीठ ने खारिज की याचिका,  मेघालय-मिजोरम से पकड़ाए थे आरोपी

जबलपुर। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की एकल पीठ ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। आरोप है कि कथित इंटरनेशनल शिकारियों मेजोरम के आइजोल निवासी जामखानकाप और मेघालय के शिलांग निवासी लालनेसंग हमार ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में 50 से अधिक बाघों का शिकार किया है और उन्हें चीन में बेंचा है। पुलिस ने मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने महाराष्ट्र फॉरेस्ट टीम के सहयोग से 28 फरवरी और 10 मार्च 2025 को उनके गृह ग्राम से गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने दोनों की जमानत याचिकाएं पहले ही खारिज कर दी थीं। शासकीय अधिवक्ता ऋत्विक पाराशर ने जमानत का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में पक्ष रखा।

-अब तक 10 हुए गिरफ्तार 

यह गिरोह बाघों के दांत, नाखून, खाल और हड्डियों को विदेश में बेचकर मोटी रकम कमाता था। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में 2015-16 से सक्रिय यह गिरोह बाघों का शिकार कर उनके अवशेष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेचता रहा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र वन विभागों ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए लगभग 10 अपराधियों को अब तक गिरफ्तार किया है।

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