आरपीएफ-जीआरपी का आपरेशन फेक पायलट, सफाईकर्मी बना फर्जी लोको पायलट, ट्रेन भी चलाता था

 
इटावा.
आरपीएफ-जीआरपी ने एक एक ऐसे युवक को कालका एक्सप्रेस के इंजिन में ट्रेन चलाते पकड़ा है, जो पूरी तरह से फर्जी था और वह रेलवे का कर्मचारी नहीं था. इस मामले का खुलासा होते ही रेलवे की सुरक्षा संरक्षा के साथ-साथ यात्रियों के जान-माल पर भी गंभीर सवाल खड़ा हो गये हैं.

यह पूरा मामला कालका एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12312 में सामने आया, जब जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक फर्जी असिस्टेंट लोको पायलट को गिरफ्तार किया. पकड़े गए व्यक्ति का नाम आकाश पुत्र राकेश है, जो फिरोजाबाद जिले का रहने वाला बताया गया.

जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश प्रकाश शर्मा ने बताया कि तलाशी के दौरान आरोपी के पास से फर्जी पहचान पत्र, पायलट नोटबुक, नेमप्लेट, लाल और हरी झंडी, आगरा अधीक्षक की मुहर लगे शांटिंग आदेश के कागजात समेत कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए. गिरफ्तारी के समय आकाश लोको पायलट की पूरी यूनिफॉर्म पहने हुए था और खुद को रेलवे कर्मचारी बताकर इंजन में चढ़ा हुआ था.

आरोपी नगर निगम में है संविदा कर्मचारी

पूछताछ के दौरान आकाश ने बताया कि वह फिलहाल फिरोजाबाद नगर निगम में एक निजी कंपनी के माध्यम से संविदा पर सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत है. उसने बताया कि पढ़ाई में वह दसवीं कक्षा में फेल हो गया था, जिसके कारण उसे रेलवे में नौकरी नहीं मिल सकी. सामाजिक रुतबा पाने और लोगों के बीच प्रभाव बनाने के लिए उसने फर्जी आईडी कार्ड और यूनिफॉर्म तैयार कराई.इसके बाद उसने असली लोको पायलटों से दोस्ती कर ली और उनके साथ इंजन में सफर करना शुरू कर दिया.

यात्री ट्रेन चलाते वीडियो भी मिला

मामला तब और गंभीर हो गया जब उसके मोबाइल फोन से ऐसे वीडियो और फोटो मिले जिनमें वह ट्रेन के इंजन में बैठकर ट्रेन चलाते हुए नजर आ रहा है. अधिकारियों ने इसे यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्यंत गंभीर खतरा मानते हुए मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस और रेलवे विभाग अब यह जांच कर रहे हैं कि उसने कितनी बार ट्रेन के इंजन में यात्रा की और कहीं उसने किसी ट्रेन को वास्तव में संचालित तो नहीं किया.इस पूरे प्रकरण ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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