प्रचार-प्रसार के अभाव में कंडम हो गया स्मार्ट बिजली एप,जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं, पीआरओ का अमला कागजी आंकड़ों से झौंक रहा धूल,कंपनी को लग रहा लाखों का चूना
जबलपुर। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का जनसंपर्क विभाग इस कदर बेखबर है कि जब खुद मध्यप्रदेश ऊर्जा मंत्री ने स्मार्ट बिजली एप के बारे मंे जानकारी मांगी तो अफसरान बगलें झांकने लगे। ऐसे हालात में बिजली कंपनी के उच्चाधिकारियों को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। दरअसल, पब्लिक की सुविधा के लिए बनाया गया स्मार्ट बिजली एप अब कंडम हो चुका है। लोगों को ना तो इसके फीचर समझ में आ रहे हैं और ना ही ये अपडेट ही हो रहा है। चिंताजनक है कि इस एप को मैनेज करने के लिए कंपनी के जनसंपर्क विभाग की लंबी चौड़ी टीम महीने में लाखों रुपये की सैलरी ले रही है,लेकिन काम धेले का नहीं हो रहा है।
-क्या है स्मार्ट बिजली एप
ये एप करीब चार साल पहले लांच किया गया था,जब कोरोना संक्रमण के दौरान कंपनियों को मीटर रीडिंग के काम में परेशानी आ रही थी। इस एप के जरिए उपभोक्ता स्वयं ही अपने मीटर की रीडिंग फोटो के जरिए कंपनी को भेज सकते हैं और इसी एप से बिलिंग भी की जा सकती है। इसके अलावा इस एप में मीटर का आईवीआरएस नंबर डालने पर पूरी डिटेल सामने आ जाती है। लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया ये एप कब गुमशुदा हो गया पता ही नहीं चला, लेकिन इस एप के मेंटेनेंस वगैरह के लिए खर्च की जाने वाली राशि यथावत खर्च होती रही।
-क्या होना था,जो नहीं हुआ
उस वक्त तय हुआ था कि सबसे पहले इस एप को कंपनी के सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल में डाउनलोड कराया जाए,जिसके लिए प्रचार अभियान चलाया जाए। वर्तमान में भी बिजली कंपनी का जनसंपर्क विभाग इस एप को ठंडे बस्ते में डाले बैठा है,जबकि राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं को तकनीकी रूप से मजबूत करने की योजनाएं तैयार कर रही है। कंपनी के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी, अपनी ही कंपनी के उच्च प्रबंधन के सामने गफलत भरे आंकड़े पेश कर रहे हैं और कागजों में अनुमति ले रहे हैं।
-पब्लिक की किसी को फिक्र नहीं
इस पूरे गोलमाल में पब्लिक की फिक्र किसी को नहीं है। मंत्री जी अपने दौरे से वापिस चले गये और अधिकारी उनका बेहतरीन सेवा-सत्कार करने के बाद चिंतामुक्त हो चुके हैं। अपने बिजली कनेक्शन से जुड़ी शिकायतांे को लेकर पब्लिक अभी भी दर-दर भटक रही है। ना तो उसे अपनी रीडिंग पता चल पा रही है और बिल चुकाने के लिए उसे दूसरे प्लेटफॉर्म का सहारा लेना पड़ रहा है। जनसंपर्क विभाग यदि इस एप के प्रचार-प्रसार में थोड़ा सा भी दिल लगा ले तो जनता की ढेरों मुश्किलें घर बैठे दूर की जा सकती हैं।
-इन जिलों की जनता है त्रस्त
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में शामिल, जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और दमोह जिले के उपभोक्ताओं को स्मार्ट बिजली एप के अपडेट न होने से परेशानियां हो रही हैं।
