जबलपुर। देश भर में बिजली की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए जल्दी ही जबलपुर से सटे सिवनी जिले में परमाणु ऊर्जा संयंत्र का सर्वे शुरु किया जाएगा। सर्वे टीम दिसंबर में अपना काम शुरु कर सकती है। ये जिला मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्राधिकार में है इसलिए इस रीजन के उपभोक्ताओं को इस संयंत्र से पैदा हुई बिजली का विशेष फायदा मिलेगा। सिवनी के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी पूरी तरह से एनटीपीसी को सौंपी गयी है।
-अब तक कहां पहुंची एक्सरसाइज
उल्लेखनीय है कि बिजली उत्पादन के लिए सरकार विभिन्न स्रोतों का उपयोग कर रही है। अब सोलर के अलावा न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट पर फोकस किया जा रहा है,क्योंकि भविष्य में बिजली की मांग और तेजी से बढ़ेगी। सूत्रों के अनुसार, सिवनी के अलावा प्रदेश के नीमच, देवास और शिवपुरी में भी एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन)द्वारा ये प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे । इसके लिए जहां एनटीपीसी सक्रिय हो चुकी है, वहीं राज्य शासन ने परमाणु परियोजनाओं की स्थापना में सहयोग के लिए समिति का गठन कर दिया है। समिति भूमि अधिग्रहण और जमीन खरीदने, जल उपलब्धता व आवंटन के लिए समन्वय का काम में जुटी हुई है। इन चार परमाणु परियोजानाओं से 12 सौ मेगावॉट बिजली उत्पादन का अनुमान है।
-पूरे देश में होगी बिजली आपूर्ति
निश्चित तौर पर ये पहला अवसर है,जब मप्र में बिजली उत्पादन के लिए इतने बड़े पैमाने पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरु की गयी है। इन प्लांट्स से पैदा हुई बिजली का उपयोग राष्ट्रीय स्तर किया जाएगा। देश में जहां भी बिजली की डिमांड बढ़ रही है, उसकी आपूर्ति इन प्लांट्स से की जाएगी। हालाकि, जानकार ये भी कह रहे हैं कि इन प्लांट्स के स्थापित होने में लंबा वक्त लगेगा,क्योंकि प्रोसेस अभी बेहद शुरुआती दौर में है। हां, ये जरूर कहा जा रहा है कि आने वाले सालों में बिजली डिमांड की पूर्ति करने के लिए ये संयंत्र अहम भूमिका निभाएंगे।
- इस साल 20 हजार मेगावॉट हो सकती है डिमांड
मध्यप्रदेश में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पिछले दिसंबर तक बिजली की डिमांड 19 हजार मेगावॉट तक पहुंच चुकी है। इस साल के अंत तक यह डिमांड 20 हजार मेगावॉट को पार कर सकती है और अगले कुछ सालों में ही डिमांड 25 हजार मेगावॉट को पार कर जाएगी। पिछले पांच साल में उत्पादन में 2 हजार 3 सौ 44 मेगावॉट का इजाफा हुआ है। इस अवधि में डिमांड 14 हजार 89 से बढ़कर 17 हजार 1सौ 70 मेगावॉट तक पहुंच गई । यानी पिछले पांच साल में डिमांड 3 हजार 81 मेगावॉट तक बढ़ गई ।
-कंपनी के अफसरों की भूमिका!
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आला अफसरों को सिवनी के परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जानकारी तो है,लेकिन अधिकृत तौर पर कंपनी से किसी भी तरह का पत्राचार या संपर्क नहीं किया गया है। कुछ एक अधिकारियों ने भोपाल स्तर पर इस बारे में खबर लेने की कोशिश भी की,लेकिन वहां से निराशाजनक प्रतिक्रिया मिलने के बाद सब शांत हो गये हैं। इधर, जानकारों का कहना है कि चूंकि सिवनी का संयंत्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्र में है इसलिए कंपनी को बिजली आपूर्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। जानकार इस संबंध में नियमों का हवाला भी दे रहे हैं।
