मप्र माध्यमिक प्राथमिक शिक्षक भर्ती का मामला, 12 नवम्बर को होगी अगली सुनवाई
जबलपुर। जस्टिस दीपक गर्ग एवं अन्य बनाम मध्यप्रदेश शासन मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन एवं अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक भर्ती के 10,000 पदों से संबंधित है, जिसमें भर्ती नियम 2024 के नियम 12.4 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
याचिका कर्ताओं की ओर से एडवोकेट आर्यन उरमलिया ने न्यायालय के समक्ष यह दलील रखी कि नियम 12.4 संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के साथ-साथ समान अवसर के सिद्धांत के विपरीत है। उक्त नियम के अनुसार ऐसे अभ्यर्थी, जिनके द्वारा पात्रता परीक्षा में 90 से कम अंक प्राप्त कर आरक्षित प्रवर्ग में अर्हता अर्जित की है, उनकी अभ्यर्थिता चयन परीक्षा के लिए आरक्षित प्रवर्ग में ही मान्य होगी, ऐसे अभ्यर्थी अनारक्षित प्रवर्ग में चयन हेतु पात्र नहीं होंगे।
एडवोकेट आर्यन उरमलिया ने तर्क दिया कि यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के प्रतिकूल है, जिनमें यह स्पष्ट किया गया है कि आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में चयन हेतु पात्र होते हैं। उन्होंने विशेष रूप से सौरव यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य , तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान उच्च न्यायालय और इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ का हवाला दिया।