खत्म हुई दोहरी जिंदगी, अपने कॉलेज पहुंच सकेंगे प्रोफेसर




सरकार ने दस महीने बाद किया आदेश जारी, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी खुला

जबलपुर। जबलपुर जिले के अॉटोनॉमस और पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में डिप्लॉय किए गये प्राध्यापकों को अब अपनी दोहरी जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी। दरअसल, इन्हें प्राध्यापकों की कमी के कारण दूसरे जिलों से जबलपुर बुला लिया गया था। दस महीने के इंतजार के बाद अब विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। ये प्राध्यापक कहीं और रह रहे थे और इनके परिवार कहीं और। इससे अतिथि विद्वानों की  नियुक्ति भी हो पाएगी।

-क्या थी परेशानी,जो अब हल हो गयी

मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी के आदेश से जारी हुए ट्रांसफर आदेश में जिले के वे प्राध्यापक भी शामिल हैं जिन्हें दिसम्बर 2024 में तमाम कॉलेजों से बुलाकर अॉटोनॉमस और पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में पदस्थ किया गया था। इनका तबादला नहीं किया गया और इस नई व्यवस्स्था को नाम दिया गया रिडिप्लॉय। इससे प्राध्यापकों का वेतन उसी कॉलेज से निकलता रहा जहां वे पदस्थ थे जबकि उनसे अॉटोनॉमस और पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में अध्यापन कार्य कराया जाता रहा। ऐसे में छोटे कॉलेज परेशानी में फंस गए क्योंकि वहां प्राध्यापाकों की कमी हो गई और चूंकि वेतन वहीं से निकल रहा था इसलिए अतिथि शिक्षक भी नहीं रखे जा सकते थे। यही कारण था िक कई कॉलेज प्राध्यापकों से खाली हो गए थे।

-कुछ कॉलेज खाली तो कुछ में भरमार

बताया जाता है कि रिडिप्लॉय के नाम पर शहर के कुछ कॉलेजों में प्राध्यापकों की संख्या अधिक हो गई थी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ कॉलेजों में प्राध्यापक बचे ही नहीं थे। िसहोरा कॉलेज, चरगवां कॉलेज आदि में तो पढ़ाई ही नहीं हो पा रही थी क्योंकि वहां प्राध्यापक बचे ही नहीं थे और अतिथि शिक्षकों की भी नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। अब वहां कम से कम अतिथि शिक्षक रखे जा सकेंगे।

-देर से जागा विभाग

इस मामले में प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रो अरुण शुक्ला का कहना है कि हमने लगातार मांग उठाई और उसका परिणाम है कि विभाग ने अब जाकर ट्रांसफर आदेश जारी किए हैं। अब जल्दी से तबादला आदेश जारी हो जाएं, इसकी कोशिश की जाएगी। 


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