सीएम हेल्पलाइनः सरकार ने कलेक्टर से मांगा 'झूठों' का पुलिंदा


भोपाल से जबलपुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा फरमान, ब्लैकमेलिंग का जरिया बन रहीं शिकायतें

जबलपुर। जनता के दुःख. दर्द को कम करने के लिए चलाई जा रही सीएम हेल्पलाइन अब ब्लैकमेलिंग का जरिया बन रही है। सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए नया तरीका ईजाद किया है। भोपाल से आए एक आदेश में जबलपुर कलेक्टर कार्यालय से उन लोगों की सूची मांगी है,जो बार-बार शिकायत करते हैं और उनकी शिकायतें हर बार बंद की जाती हैं। सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाइ्र करेगी। सूत्रों का दावा है कि सीएम हेल्पलाइन में ऐसे शिकायतकर्ताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है,जो आदतन शिकायत करते हैं।

- अधिकारी सूची तैयार करने में जुटे

सीएम हेल्पलाइन के लेवल वन स्तर पर आने वाली शिकायतों को डील करने वाले अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है। शासन ने ऐसे लोगों के नाम व पूरी जानकारी कलेक्टर कार्यालय से मांगी है। इसी क्रम में जबलपुर के अधिकारी भी जानकारी तैयार कर रहे हैं। बता दें कि शासन की ओर से कुछ दिनों पहले ही भेजे पत्र में लिखा गया कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल के तहत झूठी व आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में जानकारी प्रदान करने व उक्त शिकायतकर्ताओं पर कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। 

-नेता भी कर चुके हैं आग्रह

जानकारी के अनुसार, जन प्रतिनिधियों एवं विभागों द्वारा भी समय-समय पर इस संबंध में कार्रवाई का आग्रह किया गया है।  सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर ऐसे शिकायतकर्ताओं के बारे में जानकारी व टीप दर्ज करने की सुविधा अधिकारियों की लाग-इन आईडी में उपलब्ध है। ऐसे शिकायतकर्ताओं की पूरी जानकारी के साथ अधिकारियों से रिमार्क भी मांगा गया है। हकीकत में सीएम हेल्पलाइन का प्रभाव वर्तमान में कम हो गया है, हजारों शिकायतें हर माह आती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें मिलती हैं ,जो बार -बार या ब्लैकमेल करने की नीयत से लगाई गई हैं। वहीं, यह भी सच ही है कि अधिकारी अब सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को लेकर उतने संवेदनशील नहीं हैं, जितने पहले थे।

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