धांधली के बाद गोदामों से निकलने लगी धान,लोकल मिलर्स का पत्ता कटा


 गोदामों में पड़ी 17 लाख क्विंटल धान का परिवहन शुरु, अधिकारी बोले, सब कुछ नियमानुसार हो रहा

जबलपुर। घोटालों के नए रिकॉर्ड कायम करने वाला जबलपुर का धान परिवहन एक बार फिर से चर्चाओं मंे है। दरअसल, जिला प्रशासन ने गोदामों में रखे धान का परिवहन तो शुरु कर दिया है,लेकिन इस प्रक्रिया से जबलपुर जिले के मिलर्स को पूरी तरह से आउट कर दिया है और परिवहन का पूरा काम बाहर के मिलर्स को दे दिया गया है। इस बात से जबलपुर के वे मिलर्स ज्यादा खफा हैं,जिन पर धान परिवहन में एफआईआर नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि गोदामों में रखी करीब 17 लाख क्विंटल धान के खराब होने की संभावना के उसका परिवहन चालू कर दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि एफआईआर और जांच के दायरे में आए मिलर्स को धान नहीं दी जा सकती है इसलिए बाहर के मिलरों से यह काम कराया जा रहा है। अब तक  35 रिलीज आर्डर (आरओ) विभाग द्वारा काटे गए है। 43 करोड़ रुपए का धान घोटाला सामने आने के बाद 16 मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है,इसके अलाव कई मिलर्स के विरूद्ध जांच प्रस्तावित है। 

-विवादों के कारण टलता रहा परिवहन

बताया जाता है कि इस धान का सितंबर माह के पहले पखवाड़े में उठाव हो जाना चाहिए था मगर विवाद के चलते इस पर रोक लगाई गई थी। वहीं उठाव की समय - सीमा समाप्त होने पर शासन द्वारा इसकी अवधि अक्टूबर माह तक बढ़ाई गई है। इस बीच धान के खराब होने और फिर उसे सस्ते दामों में बेचने की मजबूरी की  चिंता अधिकारियों को सताने लगी।

-जांच के कारण रखा गया दूर

नान के जिला प्रबंधक ऋषभ जैन ने कहा कि चूंकि जिले के मिलर्स के खिलाफ जांच जारी है इसलिए उन्हें परिवहन  के काम से दूर रखा गया है। 

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