जबलपुर। मनमोहन नगर अस्पताल के खुले सेप्टिक टैंक में गिरकर दो मासूमों की मौत के बाद आज कांग्रेसियों ने सरकारी इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े किए। आज कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनमोहन नगर अस्पताल पहुंचे और घेराव कर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने सिर्फ मुआवजे की रकम देकर मामला दबाने की कोशिश की है। पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने इस सरकारी अस्पताल परिसर में एक नेता के दफ्तर होने पर कड़ा एतराज जताया। इस मामले को लेकर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अमरीष मिश्रा ने कहा कि यह पूरी तरह स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है।इस कार्यालय में नेता के कार्यकर्ताआंे के आने और अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनकी आवभगत करने के आरोप लगाए गये। इस मौके पर कमल दीक्षित,रज्जू सराफ, संजय उपाध्याय, सुसीम धर, कपिल श्रीवास्तव, विनय डोलस, अजय रावत, बब्लू नामदेव, लखन चौबे, घनश्याम सोनी, श्रीमती सुशीला कनौजिया, सचिन रजक, सिद्धांत जैन गोलू, आदेश चौबे, आयुष पहरिया, अभिनव मिश्रा, अल्केश गुप्ता, मोनू खण्डेलवाल, नीरज जैन, मोहम्मद नूरुल्ला खान, एजाज उस्मानी, मोण् अल्तमश, पंकज निगम, सुनील विश्वकर्मा, राजीव तिवारी, केशव कोरी, रंजीत ठाकुर, रजनीश त्रिवेदी, कैलाश सोनी, अतुल सोनी, संजय शर्मा, आशीष ताम्रकार, महेश यादव, राकेश चौधरी, अशोक चौधरी, रीतेश अग्रवाल, गोविंद राय, महेश दुबे, पप्पू दुबे, सौरभ नामदेव, गुड्डा यादव एवं मुन्ना सोनी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।
-हकीकत, जिसे नजरअंदाज किया जा रहा
कांग्रेसजनों ने निरीक्षण के दौरान सरकारी अधिकारियों को परिसर में जगह-जगह ढक्कन रहित गटर, अस्पताल के पीछे चौतरफा कचरे का अंबार,आवासीय परिसर में फिर किसी गंभीर जानलेवा हादसे का इंतजार करते बिजली के खुले तार और कट-आउट दिखाएं। कांग्रेसियों ने कहा कि वे यहाँ नारेबाजी की नेतागिरी करने नहीं आए हैं, उन्हें मालूम है कि ये अस्पताल है और अंदर मरीज़ भर्ती हैं, वे अव्यवस्था और घोर लापरवाही से मौत के मुंह में समा गए विश्वकर्मा परिवार उन दो मासूम बच्चों के मामले को लेकर नाराज़ और व्यथित हैं, लिहाज़ा ये बताया जाए कि जिला और पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य महकमें ने अभी तक क्या पड़ताल की और किसे दोषी माना है।
-ठेके की व्यवस्था, कमीशन का खेल
मौके पर जब श्री सक्सेना ने मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा से जानकारी मांगी तो खुलासा हुआ कि जिले के सरकारी अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सफाई और सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपयों का सरकारी ठेका निजी कंपनियों को दिया गया है। इनमें से सफाई कार्य के नाम पर ग्वालियर की प्रकाश सिक्योरिटी सर्विसेस एंड वर्कर कॉन्ट्रेक्टर नाम की कंपनी सरकार से 27 लाख रुपया महीना यानि 3 करोड़ 24 लाख रुपया सालाना वसूल कर रही है तो वहीं सुरक्षा के नाम पर भोपाल की स्काई बुल नाम की कंपनी के हाथों में 1करोड़ 20 लाख रुपयों ठेका है। कंपनी ने मनमोहन नगर के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पाँच कर्मचारी तैनात कर रखे हैं। पूछा गया कि रोगी एवं जन कल्याण समिति के फंड का रुपया आखिर कहाँ खर्च हो रहा है।
- अधिकारियों ने दिया ये जवाब
सरकारी अधिकारियांे ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़े के दौरान अस्पताल के गटरों की सफाई की गई थी तभी इनके ढक्कन खोलकर अलग किये गए थे, काम होने के फौरन बाद जिन्हें बंद नहीं किया गया। ढक्कन भारी हैं जिन्हें मशीन से उठाकर बंद कराया जाना था जो ना हो सका और नतीजतन खुला पड़ा गटर दो मासूमों की जिंदगी लील गया।अधिकारियों से मांग की गयी कि सरकारी खजाने से रुपया देकर जिंदगी का सौदा करने का काम ना हो,बल्कि विश्वकर्मा परिवार के साथ न्याय होना चाहिए। पूर्व विधायक ने घोषणा की, कि जब तक दोषियों पर एक्शन नहीं होगा तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
-डॉक्टर को हटाया, ठेकेदार बर्खास्त
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि हादसे के बाद प्रथम दृष्टया सफाई ठेकेदार गौरव पिल्लई को दोषी मानते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं डॉ. अंशुल शुक्ला चिकित्सा अधिकारी को अन्य आगामी आदेश जारी होने तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ किया है।
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