नई दिल्ली. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान में शुक्रवार 17 अक्टूबर को हुए आत्मघाती हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। मीर अली क्षेत्र में हुए इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के 7 जवान मारे गए हैं। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी से सेना के कैंप को निशाना बनाया। हमलावर ने वाहन को कैंप में घुसाने की कोशिश की, लेकिन दीवार से टकराने पर जबरदस्त धमाका हो गया। विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास के इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। हमले के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने लगे, जिनमें पाकिस्तानी सेना की छावनी से उठता हुआ धुएं का गुबार साफ दिखाई दे रहा है। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
पाकिस्तान में मचा हड़कंप
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हाल के हफ्तों में दोनों देशों की सीमाओं पर गोलीबारी और ड्रोन हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, अफगान हमलों में कई दर्जन पाक सैनिकों की मौत हो चुकी है। वहीं, पाकिस्तान का दावा है कि उसने भी काबुल और कंधार जैसे शहरों में आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा है।
सीजफायर के बावजूद तनाव बरकरार
हालांकि बुधवार शाम से दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू है, लेकिन हालात सामान्य नहीं हुए हैं। अफगानिस्तान ने कहा है कि उसने पाकिस्तान की कार्रवाई का करारा जवाब"दिया है, लेकिन सऊदी अरब और कतर जैसे इस्लामिक देशों की मध्यस्थता के बाद संघर्षविराम को स्वीकार किया है।
