आज से शुभ कार्यों पर 5 दिन ' ब्रेक ', रहेगा पंचक का प्रभाव !


जबलपुर। 
हिंदू धर्म में किसी भी काम को करते समय शुभता और अशुभता का विशेष ख्याल रखा जाता है। पंचांग के अनुसार जिस समय में कुछेक कार्यों की मनाही है। उसमें पंचक का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। अक्टूबर महीने में यह पंचक दो बार लगने जा रहा है? 

ज्योतिषाचार्य पंडित कामता तिवारी का मत है कि जिस पंचक को कुछेक कार्यों के लिए बेहद अशुभ माना गया है, वह अक्टूबर महीने में दो बार लगेगा। खास बात ये कि दोनों बार ही इस पंचक की शुरुआत शुक्रवार के दिन होगी। ज्योतिष के अनुसार शुक्रवार के दिन प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। ऐसे में आज 3 अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक और उसके बाद 31 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक लगने वाला पंचक चोर पंचक रहेगा। 

रविवार के दिन शुरु होने वाला रोग पंचक, सोमवार को प्रारंभ होने वाला राज पंचक और मंगलवार के दिन प्रारंभ होने वाला अग्नि पंचक और शनिवार के दिन शुरू होने वाला मृत्यु पंचक कहलाता है। ये सभी पंचक अपने अलग-अलग फल को प्रदान करते हैं। 

नवंबर-दिसंबर में कब लगेगा पंचक

पंचांग के अनुसार आने अगले महीने नवंबर में पंचक की शुरुआत 27 तारीख से होगी और यह 01 दिसंबर तक रहेगा। वहीं दिसंबर महीने में पंचक 24 दिसंबर से प्रारंभ होकर 29 दिसंबर तक रहेगा।

पंचक के दोष से बचने का उपाय

-घर में लकड़ी बिनकर या खरीदकर नहीं लाना चाहिए. 

-दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए. 

-मकान के लिए छत या नींव नहीं डलवाना चाहिए. 

-पंचक में पलंग नहीं बांधना खोलना चाहिए. 

-किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर पंचक की शांति करवानी चाहिए.

 पंचमुखी दीया जलाना चाहिए.

अगर पंचक में दक्षिण दिशा में जाना जरूरी हो तो व्यक्ति को हनुमान जी को पांच तरह का भोग लगाकर यात्रा पर निकलना चाहिए। पंचक में अगर छत ढलवाना पड़ जाए तो व्यक्ति को काम करने वालों को मिठाई खिलाकर इसके दोष से बचना चाहिए। सबसे खास बात अगर पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो आटे के पुतले बनाकर विशेष पूजा करनी चाहिए।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। 'खबर अभी तक' इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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