रंगाई-पुताई पर कर्मचारियों को पकड़ा दी पांच लीटर के लोकल डिस्टेंपर की बाल्टी
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय कारागार में दिवाली पर आवासों के रंगाई-पुताई पर स्वीकृत बजट का ऐसा बंदरबांट कर लिया गया कि कर्मचारियों के आवासों के वाइटवॉश नहीं हो सके। चहेते कर्मचारियों को दिखावे के लिए एक 5-5 लीटर के लोकल डिस्टेंपर की बाल्टी पकड़ा दी गई। जेल के अन्य कर्मचारियों को ये भी नसीब नहीं हो सका। कर्मचारियों ने अपने स्तर से सफाई-पुताई कर त्योहार मनाया। जेल प्रबंधन का दावा है कि पुताई चल रही है लेकिन हकीकत यह है कि आवास पुराने और जर्जर दिखाई दे रहे हैं।
क्रेद्रीय कारागार परिसर में बने आवासों की गत हो रही है। रखरखाव की कमी से आवास के प्लास्टर निकल रहे हैं। 100 से अधिक क्वार्टरों की हालत यह हो गई है कि इनमें पानी की काई जम गई है। आवासों के प्रथम तल पर रंगाई-पुताई नहीं है, जिससे झाड़ियां दिखाई देने लगी है।
40 लाख का आया बजट
जेल सूत्रों का कहना है कि जेल मुख्यालय से 40 लाख का बजट आया है। यह बजट जेल सहित आवासों की रंगाई-पुताई के लिए आया था। इस बजट के आधार पर जेल में रंगाई-पुताई तो कर ली गई है लेकिन आवासों को दरकिनार कर दिया गया है। जेल प्रशासन दावा कर रहा है कि वाइटवॉश किया जा रहा है, लेकिन यह कहां चल रहा है, जिसका कोई पता नहीं है।
बांटी डिस्टेंपर की बाल्टी
जेल प्रशासन का दावा है कि उन्होंने आवास में रहने वाले जेल कर्मचारियों को डिस्टेंपर की बाल्टी दी है। उधर, कर्मचारियों का कहना था कि पांच-पांच लीटर की ऐसी बाल्टी दी है, जो किसी काम का नहीं है। पानी में घुलता ही नहीं है, इससे उन्हें ही खरीदकर लाना पड़ा।
जेल अधीक्षक के परिवार में विवाह की चर्चा
जेल सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक के परिवार में विवाह है और जेल अधीक्षक ने त्योहार पर भी अवकाश नहीं लिया है। आनन-फानन में जैसे-तैसे पुताई निपटाई जा रही है ताकि आगे किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
- हां, बजट आया है। जेल के कर्मचारियों को डिस्टेंपर दिया है। जेल परिसर में पुताई चल रही है। वैसे इस बार बारिश ने भी प्रभावित किया है।
मदन कमलेश, जेलर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार
